रिपोर्ट-अमित
लखनऊ. ज्ञानवापी सर्वे में मिले ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग होगी या नहीं, इस पर वाराणसी कोर्ट का आदेश आज यानी 7 अक्टूबर को आएगा. इस मामले में सुनवाई पूरी होने के बाद आदेश के लिए जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने 7 अक्टूबर की तारीख तय की थी. सुनवाई के दौरान वादिनी राखी सिंह के वकील ने कार्बन डेटिंग न कराए जाने की मांग की तो वहीं चार अन्य वादियों के वकील विष्णु शंकर जैन ने कार्बन डेटिंग या साइंटफिक जांच करवाकर शिवलिंग  की प्राचीनता का पता लगाने की गुहार लगाई.
बता दें कि ज्ञानवापी सर्वे के दौरान हिंदू पक्ष के दावे के मुताबिक जो शिवलिंग मिली थी, उसी की कार्बन डेटिंग का मांग चार पक्षकारों के वकील विष्णु शंकर ने की थी. उनका दावा था कि अगर कोर्ट आदेश दे देता है कि शिवलिंग की कार्बन डेटिंग हो, तब इससे यह पता लगाया जा सकता है कि जो पत्थर है, वह कितना प्राचीन है.
इससे पहले, 29 सितंबर की सुनवाई से पहले ही कार्बन डेटिंग को लेकर मंदिर पक्ष ही बंटा दिखाई देने लगा. वादी राखी सिंह ने अपने वकील अनुपम दिवेदी के जरिए कार्बन डेटिंग की मांग पर अदालत में प्रार्थना पत्र देकर अपना विरोध दर्ज कराया था. विरोध के पीछे तर्क था कि कार्बन डेटिंग या किसी दूसरे ऐसे वैज्ञानिक तरीके जिससे सैंपल लेना पड़े, उससे शिवलिंग भंग होगा. जिससे सनातन धर्मावलंबियों की आस्था को धक्का लगेगा.
कार्बन डेटिंग में दिक्कत   
बीएचयू के रिटायर्ड प्रोफेसर और विख्यात पुरातत्वविद प्रोफेसर सीताराम दुबे का कहना है कि पत्थर की कार्बन डेटिंग होना मुश्किल है. कार्बन डेटिंग करने के लिए कार्बन होना जरूरी है, जो पत्थर यानी शिवलिंग से कैसे मिलेगा. यानी कार्बन डेटिंग की राह में सुनवाई से पहले ही वादी महिलाओं के वकीलों के बीच पनपा वैचारिक मतभेद का रोड़ा साफ नजर आ रहा है.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Gyanvapi Masjid, Gyanvapi Masjid ControversyFIRST PUBLISHED : October 07, 2022, 08:56 IST



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