वाराणसी. शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती द्वारा ज्ञानवापी में दर्शन पूजन करने के आदेश देने के बाद अब काशी में कुछ संत समाज व बुद्धजीवी व किन्नरों ने ज्ञानवापी मामले को लेकर धर्म परिषद का आयोजन शुरू कर दिया है. धर्म संसद तीन दिन तक चलेगा, जिसमें ज्ञानवापी में मिले शिवलिंग और चल रहे केस को लेकर चर्चा की जा रही है. पहले दिन इस आयोजन में ज्ञानवापी में दर्शन पूजन करने के अधिकार व नमाज पर प्रतिबंध लगाने समेत अन्य 22 मुद्दों पर चर्चा हुई.
वाराणसी के लमही स्थित सुभाष भवन में काशी के विभिन्न मठ के मठाधीश संत महात्मा व सामाजिक कार्यकर्ता के साथ इतिहासकारों ने बैठक की. बैठक में संत ज्ञानवापी को लेकर विभिन्न प्रस्तावों पर चर्चा की, जिसमें प्रमुख रुप से शिवलिंग का दर्शन पूजन करने की अधिकार की बात कही गई. बैठक में पतालपुरी मठ के महंत स्वामी बालक दास ने कहा कि संत समाज ने बैठ कर निर्णय लिया है कि पूजा पाठ शुरू किया जाए और नमाज करवाना बन्द करवाया जाए. अब सबूत सबके सामने है. माननीय उच्च न्यायालय द्वारा या किसी भी अन्य माध्यम से हमें पूजा करने का अधिकार दिया जाए.
वर्शिप एक्ट खत्म करने की मांगउन्होंने कहा कि हिन्दू समाज को पीड़ा हुई है. हमारे आराध्य का अपमान हुआ है. उनपर कार्रवाई की मांग की है. इसके अलावा इतिहासकारों ने और संत समाज ने मक्का में मुख्य मौलवियों को पत्र लिखने की बात कही और उनसे कहा कि क्या कब्जा करके जमीन पर नमाज पढ़ना उचित है. इसके साथ ही कई मुद्दे पर प्रस्ताव पास किया गया, जिसमें मुख्य रुप से पूजा का अधिकार, नमाज पर प्रतिबंध के लिए सरकार से मांग की गई कि वर्शिप एक्ट को खत्म किया जाए. वहीं उन्होंने शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती के आदेश पर कहा कि एक ही दिन जरूरी नहीं कि सारे संत चले जाएं. शनिवार को हम जाएंगे. जब वो नमाज पड़ सकते हैं तो हमें दर्शन करने से क्यों रोका जाएगा.
ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Gyanvapi Masjid, Gyanvapi Masjid ControversyFIRST PUBLISHED : June 03, 2022, 14:46 IST
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