Uttar Pradesh

ज्ञानवापी मामलाः ‘शिवलिंग‘ की कार्बन डेटिंग की अपील खारिज, अब सुप्रीम कोर्ट जाएगा हिन्दू पक्ष



हाइलाइट्समस्जिद समिति ने कार्बन डेटिंग का किया था विरोधभारतीय पुरातत्व सर्वे को भी निर्देश देना उचित नहींः कोर्टहिंदू पक्ष के वकील ने कहा संघर्ष जारी रहेगावाराणसी. ज्ञानवापी मस्जिद से मिले कथित शिवलिंग की कार्बन डेटिंग कराए जाने के अनुरोध वाली याचिका को वाराणसी की जिला अदालत ने शुक्रवार को खारिज कर दिया. सरकारी वकील राणा संजीव सिंह ने बताया कि जिला न्यायाधीश डॉ. एके विश्वेश ने ‘शिवलिंग’ को सुरक्षित रखने और उसके साथ कोई छेड़छाड़ नहीं करने से जुड़े उच्चतम न्यायालय के निर्देशों का हवाला देते हुए ‘शिवलिंग’ की वैज्ञानिक जांच और कार्बन डेटिंग की मांग करने वाली हिंदू याचिकाकर्ताओं की अर्जी खारिज कर दी.
कथित ‘शिवलिंग’ की कार्बन डेटिंग की मांग करने वाले हिंदू याचिकाकर्ताओं के अधिवक्‍ता विष्णु शंकर जैन ने कहा कि अपने अनुरोध को लेकर वे उच्चतम न्यायालय जाएंगे. सिंह ने बताया कि वाराणसी की अदालत ने ज्ञानवापी मस्जिद, श्रृंगार गौरी मामले की आगे की सुनवाई के लिए 17 अक्टूबर की तारीख तय की है. अदालत हिन्दू याचिकाकर्ताओं की अर्जी पर सुनवाई कर रही है जिसमें मस्जिद की बाहरी दीवार पर लगी देवी देवताओं की प्रतिमाओं की रोजाना पूजा करने की अनुमति देने का अनुरोध किया गया है. हिन्दू पक्ष के वकील के अनुसार अदालत ने कहा कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुरूप और जन भावना को ध्यान में रखते हुए कार्बन डेटिंग की अनुमति नहीं दी जा सकती है और ‘वजूखाना’ सील ही रहेगा.
गौरतलब है कि पांच हिंदू पक्षकार में से चार ने कथित ‘शिवलिंग‘ की कार्बन डेटिंग की मांग की थी, जो कि अदालत के आदेश पर कराए गए मस्जिद परिसर के वीडियोग्राफी सर्वेक्षण के दौरान ‘वज़ूखाना’ में मिला था. ‘वजूखाना’ एक छोटा जलाशय है जिसका उपयोग मुस्लिम नमाज़ अदा करने से पहले वजू ‘हाथ पैर धोने’ आदि करने के लिए करते हैं.
मस्जिद समिति ने कार्बन डेटिंग का किया था विरोध
मस्जिद समिति ने कार्बन डेटिंग की मांग का विरोध किया था और कहा था कि वह ‘शिवलिंग’ नहीं बल्कि वजूखाने के फव्वारे का हिस्सा है. न्यायाधीश विश्वेश ने कहा- ‘मुख्य रूप से वादीगण संख्‍या दो से पांच तक ने यह प्रार्थना की है कि कार्बन डेटिंग अथवा अन्‍य वैज्ञानिक तकनीक, जैसे ग्राउंड पेनेट्रेटिंग राडार जैसे किसी अन्‍य वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग किया जाए और 16 मई को कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मिले ‘शिवलिंग’ की संरचना, प्रकृति और आयु का निर्धारण कराया जाए.’
क्यों नहीं दी कार्बन डेटिंग की इजाजत?उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय ने मौजूदा मामले में 17 मई 2022 को निर्देश दिया था कि कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मिले तथाकथित ‘शिवलिंग’ को सुरक्षित रखा जाए. विश्‍वेश ने कहा- ‘ऐसी स्थिति में यदि कार्बन डेटिंग तकनीक या ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार का उपयोग करने पर इस कथित शिवलिंग को क्षति पहुंचती है तो यह उच्चतम न्यायालय के 17 मई 2022 के आदेश का उल्लंघन होगा. इसके अतिरिक्त ऐसा होने पर आम जनता की भावनाओं को भी ठेस पहुंच सकती है.’
भारतीय पुरातत्व सर्वे को भी निर्देश देना उचित नहींः कोर्टन्यायाधीश ने आगे कहा- मेरा यह भी विचार है कि इस इस स्तर पर कोर्ट कमिश्नर की कार्यवाही के दौरान मिले कथित शिवलिंग की आयु प्रकृति और संरचना का निर्धारण करने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वे को भी निर्देश देना उचित नहीं होगा. और ऐसा करने से विवाद में शामिल सवालों का विवेकपूर्ण ‘न्याय पूर्ण’ समाधान खोजने की कोई संभावना नहीं है.’ हिंदू पक्ष और मस्जिद समिति की दलीलों पर मंगलवार को सुनवाई पूरी होने के बाद जिला अदालत ने 14 अक्टूबर तक के लिए फैसला सुरक्षित रख लिया था.
हिंदू पक्ष के वकील ने कहा संघर्ष जारी रहेगाअदालत से बाहर निकलते हुए हिन्दू पक्ष के वकील जैन ने कहा- हमारा संघर्ष जारी रहेगा. यह सच की लड़ाई है. मैं कहना चाहता हूं कि हम वह लोग हैं जो जीत मिलने पर बहुत उत्साहित नहीं होते और हारने पर हतोत्साहित भी नहीं होते. यह हमारा संघर्ष है और यह जारी रहेगा.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Gyanvapi Masjid Controversy, Supreme Court, UP news, Varanasi newsFIRST PUBLISHED : October 15, 2022, 00:56 IST



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