नई दिल्ली. विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने ज्ञानवापी मामले से जुड़े भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए उस जगह को हिंदुओं को सौंपने की मांग करते हुए मस्जिद को कहीं अन्यत्र स्थानांतरित करने की सलाह दी है. विहिप नेता ने एएसआई सर्वे रिपोर्ट की बारीकियों का हवाला देते हुए कहा कि इससे यह स्पष्ट है कि एक मंदिर को तोड़कर उसके ऊपर मस्जिद बनाई गई थी.

उन्होंने कहा, “उस मंदिर की संरचना का एक हिस्सा, विशेष रूप से पश्चिमी दीवार हिंदू मंदिर का ही शेष हिस्सा है, जिसका इस्तेमाल मस्जिद बनाने के लिए किया गया था.” रिपोर्ट यह भी साबित करती है कि मस्जिद को बनाने में मंदिर के स्तंभों और स्तंभों सहित पहले से मौजूद मंदिर के कुछ हिस्सों का फिर से उपयोग किया गया था. वज़ुखाना में शिवलिंग मिलने से भी यह साबित होता है कि यह जगह मस्जिद नहीं हो सकती है, यह तो मंदिर है.

उन्होंने कहा कि संरचना में पाए गए शिलालेखों में जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर जैसे नाम मिले हैं जो यह प्रमाणित करते हैं कि उस स्थान की प्रकृति मंदिर की ही है. उन्होंने पूजा स्थल (विशेष प्रावधान) अधिनियम 1991 का हवाला देते हुए कहा कि अब चूंकि यह साबित हो गया है कि उस स्थान की प्रकृति मंदिर की ही है इसलिए विश्व हिंदू परिषद यह मांग करती है कि हिंदुओं को तथाकथित वज़ुखाना क्षेत्र में पाए जाने वाले शिवलिंग की सेवा और पूजा करने की अनुमति दी जाए.

इसके साथ ही उन्होंने इंतेज़ामिया कमेटी से भी आगे आकर स्वयं ही उस मस्जिद को सम्मानपूर्वक किसी अन्य उपयुक्त स्थान पर स्थानांतरित करने और काशी विश्वनाथ के मूल स्थल को हिंदू समाज को सौंपने के लिए सहमत होने की बात कहने का भी आग्रह किया. उन्होंने कहा कि विहिप का मानना ​​है कि यह नेक कार्य भारत के दो प्रमुख समुदायों के बीच सौहार्दपूर्ण संबंध बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा.
.Tags: Gyanvapi Masjid, Gyanvapi Mosque, Vishwa hindu parishadFIRST PUBLISHED : January 27, 2024, 21:39 IST



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