Last Updated:August 15, 2025, 23:14 ISTJanmashtami 2025: गुरुग्राम की चकाचौंध भरी जिंदगी को छोड़कर ज्योति भगवान बांके बिहारी से ऐसी लगन लगी. उन्होंने सब कुछ छोड़कर वृंदावन आकर बसने का निर्णय लिया. यहां भगवान बांके बिहारी से विवाह कर अपनी जिंदगी की र…और पढ़ेंसाइबर सिटी गुरुग्राम की वह चकाचौंद जिंदगी. शॉर्ट्स कपड़े पहनने वाली ज्योति भगवान बांके बिहारी की दीवानी हो गई. दीवानी ऐसी हुई कि उसने अपनी प्रेम की पराकाष्ठा को पार कर दिया. एक दिन ऐसा आया कि वह सब कुछ छोड़कर वृंदावन चली आई. भगवान बांके बिहारी से रचा लिया विवाह. विवाह रचाने के बाद वृंदावन में रहकर भगवान की भक्ति में रमी हुई है. इस महिला की कहानी उसी की जुबानी हम आपको लोकल 18 के माध्यम से बतायेंगे.
हरियाणा की रहने वाली ज्योति कैसे इंदुलेखा सखी बन गई. उसकी कहानी क्या? है. आखिर अपने परिवार को छोड़कर वृंदावन क्यों? चली आई. सब कुछ छोड़ने के बाद भगवान की भक्ति की ऐसी दीवानी हुई कि उसने बिहारी जी से ही विवाह रचा लिया. आज बिहारी जी की कृपा पात्र से वह भगवान की भक्ति में लीन होकर ठाकुर जी को पति रूप में स्वीकारने के बाद उन्हें की सेवा में लगी रहती है. पूरा दिन गुजर जाता है, बांके बिहारी की सेवा करते हुए. कभी लड़ाई, तो कभी झगड़ा और कभी दुलार बांके बिहारी से इंदुलेखा सखी करती हैं. लोकल 18 की टीम ने जब ज्योति उर्फ इंदुलेखा सखी से बातचीत की, तो उन्होंने लोकल 18 के सामने अपने पूर्व और वर्तमान जीवन की कुछ यादों को सांझा किया है. बांके बिहारी से जब से शादी हुई है तब से जिंदगी संवर गई है. उन्हीं की भक्ति में रहकर पूरा दिन गुजर जाता है. सेवा पूजा में व्यस्त होकर उन्हीं की भक्ति में अपना दिन गुजार देता है.
भगवान बांके बिहारी से विवाह कर अपनी जिंदगी की रही है
बांके बिहारी से शादी करने से पूर्व ज्योति उर्फ इंदुलेखा ने बताया कि गुरुग्राम में रहकर वह नौकरी करती थी. उनका जन्म 1992 में रोहतक के सुनारिया कला गांव में हुआ. प्राथमिक शिक्षा भी उनके सुनारिया कला गांव से हुई. गांव से ही उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की. 2008 में उन्होंने दसवीं और 2010 में उन्होंने 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की. लोकल 18 से बातचीत के दौरान उन्होंने यह भी बताया कि गुरुग्राम में वह नर्स की नौकरी किया करती थीं. 2015 में उनकी जॉब लगी थी और कुछ साल जॉब करने के बाद उन्होंने 2021 में जॉब को छोड़ दिया. उनकी शादी हरियाणा के बुहाना गांव में हुई थी. एक 12 साल के लड़के और अपने पति को छोड़कर वह वृंदावन चली आयीं. वृंदावन उनका पहली बार आना 2022 में हुआ 6 महीने यहां रुकने के बाद उनका मन वृंदावन में नहीं लगा और वापस वह हरियाणा चली गई. ठाकुर बांके बिहारी की ऐसी कृपा हुई वह पुनः वृंदावन 31 अगस्त 2024 में आ गई और तब से वृंदावन में ही रह रहीं हैं.
नैशनल खिलाड़ी रह चुकी है ज्योति उर्फ इंदुलेखाज्योति उर्फ इंदुलेखा सखी ने बताया कि ठाकुर बांके बिहारी से उनकी शादी 15 फरवरी 2025 को हुई. इंदुलेखा सखी ने अपने परिवार के बारे में बताया कि भाई-बहन और माता-पिता परिवार में है पिताजी दूध का कारोबार करते हैं. उन्हें का कारोबार में हाथ भाई बताते हैं. खेल प्रतियोगिता में वह नैशनल तक खेल चुकी हैं, लेकिन बांके बिहारी की कृपा होने की वजह से सब कुछ छोड़ दिया. ठाकुर जी की शरण में आकर उनसे शादी कर ली.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Mathura,Uttar PradeshFirst Published :August 15, 2025, 23:14 ISThomeuttar-pradeshज्योति से कैसे बन गई यह महिला इंदुलेखा, बांके बिहारी से रचा ली है शादी