Uttar Pradesh

गुरुचरण निषाद ने मछली पालन से 60 लाख सालाना कमाए

गोंडा: कहते हैं अगर मेहनत, लगन और सही योजना हो तो छोटी शुरुआत भी बड़ी सफलता में बदल सकती है. यूपी के गोंडा जिले के एक युवक ने इस कहावत को सच कर दिखाया है. महज 20 हजार रुपये से शुरू किया गया मछली पालन का काम आज सालाना 50 से 60 लाख रुपये के कारोबार में बदल चुका है.

शुरुआत में युवक ने अपने गांव के पास खाली पड़ी जमीन पर छोटा सा तालाब बनवाया. पहले उसने सिर्फ शौक और सीखने के उद्देश्य से मछली पालन शुरू किया था. आसपास के अनुभवी किसानों और मत्स्य विभाग से जानकारी लेकर उसने रोहू, भाकुर, नैन और ग्रास जैसी प्रजातियों की मछलियों का पालन शुरू किया. शुरुआत में दिक्कतें भी आईं, लेकिन उसने हार नहीं मानी.

क्या है क्वालिफिकेशन:

लोकल 18 से बातचीत के दौरान गुरुचरण निषाद बताते हैं कि उन्होंने इंटर तक की पढ़ाई की उसके बाद वह मेडिकल स्टोर चला रहे थे लेकिन मेडिकल स्टोर चल नहीं पाया और कुछ कारण बस उसको बंद करना पड़ा फिर उनके दिमाग में आया कि क्यों ना मछली पालन किया जाए फिर उन्होंने मछली पालन के बिजनेस की शुरुआत की और इस समय लाखों का इनकम हो रहा है.

कहां से आया मछली पालन का आईडिया:

गुरुचरण निषाद बताते हैं कि गोंडा के कई लोग मछली पालन करते थे उनके यहां देखा और संपर्क किया फिर हमारे दिमाग में आया क्यों ना मछली पालन किया जाए फिर मैं मछली पालन की शुरुआत की.

कब से कर रहे हैं मछली पालन का बिजनेस: गुरुचरण निषाद बताते हैं की मछली पालन का बिजनेस लगभग 6 से 7 साल से कर रहे हैं.

मछली पालन की कहां से लिए ट्रेनिंग: गुरुचरण निषाद बताते हैं कि मछली पालन की ट्रेनिंग आंध्र प्रदेश से किए हैं.

कितने बीघे के तालाब से किए थे शुरुआत:

गुरुचरण निषाद बताते हैं कि ढाई से तीन बीघे के तालाब से शुरुआत. उसे समय हमारी लागत लगभग 40 से 50 हजार रुपए की आई थी. इस समय हमारे पास लगभग 400 बीघा के आसपास तालाब में मछली पालन किया जा रहा है.

मछली की कहां-कहां होती है सप्लाई:

गुरुचरण निषाद बताते हैं कि हमारे मछली की सप्लाई गोंडा, गोरखपुर, बहराइच और लोकल मंडी में सप्लाई होती है उन्होंने बताया कि रोहू मछली की डिमांड ज्यादा रहती है और हमेशा बनी रहती है लोग इसको खूब पसंद करते हैं.

शुरुआत में लोगों बनाया था मजाक:

गुरुचरण निषाद बताते हैं कि जब हम मछली पालन की शुरुआत की तो लोगों ने हमारा खूब मजाक बनाया और की मछली पालन में कुछ रखा नहीं है इसको मत करो. लेकिन हमने शुरू कर दिया तो उसको बंद नहीं किया एक बार बाढ़ की वजह से हमारा काफी नुकसान हुआ था, लेकिन तब भी हमने मछली पालन बंद नहीं किया और इस समय हमारा लगभग 50 से 60 लाख रुपए का सालाना टर्नओवर हो रहा है. उन्होंने बताया कि 50,000 से शुरू हुआ सफर अब 50 से 60 लाख रुपए का है आगे इसको और बढ़ाएंगे.

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