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गुमनामी में खो गया भारत को वर्ल्ड कप जिताने वाला ये गेंदबाज, ‘कप्तान’ का था बेहद भरोसेमंद, गरीब परिवार में हुआ जन्म

गुमनामी में खो गया भारत को वर्ल्ड कप जिताने वाला ये गेंदबाज, ‘कप्तान’ का था बेहद भरोसेमंद

भारतीय क्रिकेट टीम के तेज गेंदबाज मुनाफ पटेल का इंटरनेशनल करियर महज पांच साल का रहा. लेकिन इस छोटे से करियर में उन्होंने वनडे, टेस्ट और टी20 में अपनी रफ्तार और किफायती गेंदबाजी से सभी को प्रभावित किया. वह 2011 वर्ल्ड कप विजेता भारतीय टीम के महत्वपूर्ण सदस्य रहे.

मुनाफ पटेल की गेंदबाजी में उनकी तेज स्पीड ने सबसे पहले चर्चा बटोरी थी. भारतीय टीम के तत्कालीन हेड कोच ग्रेग चैपल भी इस गति से बहुत प्रभावित थे. 2005-2007 के बीच का समय था, जब ग्रेग चैपल ने मुनाफ की प्रतिभा की काफी तारीफ की थी. चैपल ने मुनाफ को भारत का अब तक का सबसे तेज गेंदबाज बताया था. यह वो समय था जब भारतीय टीम का पेस अटैक अपनी रफ्तार के कारण नहीं जाना जाता था।

मुनाफ पटेल की तुलना उस दौर में पाकिस्तान के पूर्व तेज गेंदबाज शोएब अख्तर से होती थी. ग्रेग चैपल मुनाफ पटेल की स्पीड से हैरान थे, उनको सुखद आश्चर्य हुआ था. मुनाफ पटेल को भारत के शोएब अख्तर के तौर पर देखा जाने लगा था. हालांकि मुनाफ पटेल की रफ्तार शोएब अख्तर जितनी नहीं थी. ग्रेग चैपल का मानना था कि अगर मुनाफ पटेल अपनी फिटनेस बनाए रखें, तो वह वर्ल्ड क्रिकेट में भारत के लिए एक बड़ा हथियार बन सकते हैं।

मुनाफ पटेल ने साल 2006 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्ट डेब्यू किया और अपनी स्पीड से सभी को प्रभावित किया था. आमतौर पर उनकी गेंदबाजी की स्पीड 90 मील प्रति घंटा रहती थी, जो उस समय एक भारतीय गेंदबाज के लिए बहुत ज्यादा तेज थी. खास बात यह है कि मुनाफ पटेल का जन्म उस साल हुआ, जब भारत ने पहली बार वनडे इंटरनेशनल में वर्ल्ड कप अपने नाम किया था।

मुनाफ पटेल का जन्म एक गरीब परिवार में हुआ था. हालांकि, क्रिकेट ने उनकी और उनकी परिवार की जिंदगी हमेशा के लिए बदलकर रख दी. क्रिकेट एक्सपर्ट के अनुसार, घरेलू क्रिकेट में उनकी तेज गति के कारण उन्हें भरूच एक्सप्रेस का नाम दिया गया. हालांकि, तब भी उन्होंने फर्स्ट-क्लास क्रिकेट नहीं खेला था. मुनाफ ने अपना पहला टेस्ट इंग्लैंड के खिलाफ खेला था और सात विकेट लेकर सनसनी मचा दी. उनकी रफ्तार चर्चा का विषय थी और लाइन-लेंथ पर बेहतर कंट्रोल भी देखने के लिए मिला था।

हालांकि, बार-बार लगने वाली चोटों ने उनके करियर को छोटा और रफ्तार को सीमित किय

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