Last Updated:April 29, 2025, 17:33 ISTGround Report : सुल्तानपुर में गोमती नदी किनारे 3 एसटीपी प्लांट हैं, लेकिन नियमित संचालन न होने से नाले का गंदा पानी नदी में बह रहा है, जिससे नदी दूषित हो रही है. लोगों में जागरूकता की कमी और कूड़ा-कचरा फेंकने …और पढ़ेंX
गोमती नदी पर ग्राउंड रिपोर्ट करते रिपोर्टर विशाल तिवारीहाइलाइट्ससुल्तानपुर में 3 एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं.नाले का गंदा पानी गोमती नदी में बह रहा है.जागरूकता की कमी से गोमती नदी दूषित हो रही है.सुल्तानपुर : उत्तर प्रदेश का सुल्तानपुर जिला गोमती नदी के दो छोरों पर बसा हुआ है. त्रेता युग में भगवान श्री राम ने सुल्तानपुर के धोपाप नामक स्थान पर अपने पापों को धोया था, लेकिन आज वही गोमती नदी का पानी इतना गंदा हो गया है कि पाप तो छोड़िए, शरीर का मैल भी नहीं छूटेगा. इसके बजाय, आपका स्वास्थ्य भी बिगड़ सकता है. सुल्तानपुर शहर के नाले गोमती नदी को काला और दूषित कर रहे हैं. नाले के पानी को फिल्टर करने के लिए नदी के किनारे एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं, लेकिन उनकी क्षमता कम होने के कारण वे सही से काम नहीं कर पा रहे हैं. आइए जानते हैं कि गोमती नदी का पानी क्यों काला पड़ रहा है और क्या यह भी दिल्ली की यमुना नदी जैसी हो जाएगी?
सीताकुंड घाट की देखरेख करने वाले और गोमती मित्र मंडल समिति के अध्यक्ष रुद्र प्रताप सिंह ने बताया कि सुल्तानपुर में 3 एसटीपी प्लांट लगाए गए हैं, लेकिन उनके नियमित संचालन न होने से नाले का गंदा पानी गोमती नदी में बह रहा है, जिससे गोमती नदी दूषित हो रही है और इसका सीधा असर पर्यावरण पर पड़ रहा है.
जागरूकता का अभावसौरभ मिश्रा ने लोकल 18 को बताया कि हर चीज में सरकार को दोष नहीं देना चाहिए. जागरूकता की कमी के कारण लोग नाले में कूड़ा-कचरा फेंकते हैं, जिससे नाले जाम हो जाते हैं और इसका सीधा असर गोमती नदी पर पड़ता है. इसके साथ ही लोग धर्म और आस्था के नाम पर खंडित मूर्तियां, फोटो, फूल-माला आदि उचित स्थान पर न डालकर गोमती नदी में प्रवाहित कर रहे हैं, जिसका सीधा नकारात्मक असर नदी के जल पर पड़ रहा है.
हर दिन इतना पानी किया जाता है साफजल निगम के अधिशासी अभियंता ने बताया कि केंद्र और प्रदेश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना नमामि गंगे प्रोजेक्ट के तहत एसटीपी प्लांट बनाए गए हैं. एसबीआर तकनीक के माध्यम से नालों से आने वाले गंदे पानी को फिल्टर किया जाता है और फिल्टर करने के बाद उसे गोमती नदी में बहा दिया जाता है. इस प्लांट की कुल क्षमता 17 एमएलडी है, जिसमें 15.15 एमएलडी पानी का ट्रीटमेंट किया जाता है.इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य गोमती नदी को दूषित होने से बचाना है. एसटीपी का नियमित रूप से संचालन किया जा रहा है, लेकिन कभी-कभी लाइट कटने की वजह से एसटीपी प्लांट बंद हो जाता है.
Location :Sultanpur,Uttar PradeshFirst Published :April 29, 2025, 17:33 ISThomeuttar-pradeshसुल्तानपुर में गोमती किनारे 3 STP प्लांट… फिर भी नदी का पानी हो रहा काला?