Ground Report: मेरठ में कब से दौड़ेगी मेट्रो और नमो भारत ट्रेन? कितने होंगे स्टेशन? जानिए शेड्यूल समेत सबकुछ

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 विशाल भटनागर/ मेरठ : क्रांति धरा मेरठ की बात करें तो मेरठ तेजी से विकास की पथ पर आगे बढ़ते हुए दिखाई दे रहा है. मेरठ में एक तरफ जहां आपको नेशनल हाईवे देखने को मिलेंगे. जहां स्पीड के माध्यम से लोग सफर करते हुए दिखाई दे रहे हैं. वहीं दूसरी नमो भारत और मेरठ मेट्रो को लेकर भी तेजी से कार्य किया जा रहा है. क्योंकि केंद्र सरकार द्वारा जून 2025 तक नमो भारत एवं मेरठ मेट्रो संचालन करने का लक्ष्य निर्धारित किया है. जिसके अनुरुप कार्य तेजी से हो रहा है. इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए लोकल-18 की टीम द्वारा भी ग्राउंड पर रिपोर्टिंग करते हुए तैयारी का जायजा लिया.

हाई स्पीड के माध्यम से कर पाएंगे सफर

मेरठ मेट्रो एवं नमो भारत ट्रेन की अगर बात की जाए तो दोनों ही आधुनिक टेक्नोलॉजी पर निर्धारित ट्रेन है. नमो भारत ट्रेन की स्पीड की बात की जाए तो जहां 160 किलोमीटर प्रतिघंटा है. वहीं मेरठ मेट्रो भी देश की सबसे हाईटेक स्पीड वाली ट्रेन है. इसकी स्पीड 120 किलोमीटर प्रति घंटे के हिसाब से संचालित की जाएगी. वर्तमान समय में दोनों ही ट्रेन का मेरठ मोदीपुरम से लेकर मेरठ साउथ तक ट्रायल रन प्रक्रिया जारी है. इसमें एक तरफ जहां आपको नमो भारत ट्रेन अपने ट्रैक पर दौड़ती नजर आएगी, वहीं उसके सामने जो मेरठ मेट्रो का ट्रैक है, उसपर मेरठ मेट्रो भी ट्रायल रन के तहत दौड़ रही है. जल्द ही यह यात्रियों के लिए उपलब्ध होगी.

यह रहेगा शेड्यूलएक ही इन्फ्रास्ट्रक्चर पर सुचारू संचालन के लिए, नमो भारत और मेरठ मेट्रो, दोनों की अनुकूलित समय-सारणी बनाई जाएगी. नमो भारत ट्रेन फिलहाल हर 15 मिनट में उपलब्ध है, जो सराय काले खां से मोदीपुरम तक के पूरे कॉरिडोर के संचालन के बाद 10 मिनट तक होने की संभावना है. मेरठ मेट्रो की फ्रीक्वेंसी संभवत: 7 मिनट की रहेगी. एनसीईआरटी के अनुसार ट्रेन शेड्यूल बनाते हुए यात्रियों की सुविधा का खास ध्यान रखा है. मेरठ में ऐसे स्टेशनों पर आइलैंड प्लेटफॉर्म की व्यवस्था की गई है, जहां मेरठ मेट्रो और नमो भारत का ठहराव होगा. एक तरफ नमो भारत और दूसरी तरफ मेरठ मेट्रो मिलेगी, आप एक से उतरकर सामने वाले प्लेटफॉर्म से दूसरी ट्रेन पकड़ सकते हैं. एक ही दिशा में जाने के लिए यात्रियों को ज्यादा चलने की असुविधा नहीं होगी.

इसलिए भी रहेगी खास
नमो भारत ट्रेन में छह कोच उपलब्ध हैं, जिनमें पहला कोच (दिल्ली से मेरठ की ओर) प्रीमियम है और दूसरा कोच महिलाओं के लिए आरक्षित है. वहीं, मेरठ मेट्रो में तीन कोच हैं और प्रत्येक कोच में महिलाओं, वृद्धजनों व दिव्यांगजनों के लिए सीटें आरक्षित हैं. नमो भारत और मेट्रो में काफी अंतर है लेकिन यात्रियों के पहचानने के लिए इनके बाहरी रंग को भी अलग किया गया है. नमो भारत में जहां बाहरी बॉडी पर मरून रंग की धारी है तो वहीं, मेट्रो पर पैरट ग्रीन (तोतई) रंग की धारी है. मेट्रो के दरवाजों पर भी धारियों जैसा ही रंग है और फ्रंट पर तिरंगा बना है.

82 किलोमीटर परिक्षेत्र में रहेगी यह व्यवस्था

बताते चलें कि दिल्ली-गाजियाबाद-मेरठ नमो भारत कॉरिडोर की कुल लंबाई 82 किलोमीटर है, जिसमें 16 नमो भारत स्टेशन शामिल हैं. इसी खंड पर मेरठ साउथ से आगे मोदीपुरम डिपो तक 23 किलोमीटर में 13 स्टेशनों के साथ मेरठ मेट्रो का संचालन होगा. मेरठ मेट्रो से सभी स्टेशनों पर रुकते हुए ये दूरी लगभग 30 मिनट में पूरी हो जाएगी. मेरठ साउथ के बाद नमो भारत ट्रेन शताब्दी नगर, बेगमपुल (अंडरग्राउंड) और मोदीपुरम पर रुकेगी.
मेरठ मेट्रो के लिए मेरठ साउथ, परतापुर, रिठानी, शताब्दी नगर, ब्रह्मपुरी, मेरठ सेंट्रल, भैसाली, बेगमपुल, एमईएस कॉलोनी, दौरली, मेरठ नॉर्थ, मोदीपुरम और मोदीपुरम डिपो स्टेशन हैं. इनमें से मेरठ साउथ, शताब्दी नगर, बेगमपुल और मोदीपुरम पर नमो भारत और मेरठ मेट्रो, दोनों की सुविधा मिलेगी. मेरठ सेंट्रल, भैसाली और बेगमपुल अंडरग्राउंड स्टेशन हैं, बाकी स्टेशन एलिवेटेड हैं. मोदीपुरम डिपो एट-ग्रेड स्टेशन है.

ऐसे में कह सकते हैं जब मेरठ से दोनों ट्रेन का संचालन शुरू हो जाएगा. तो यात्रियों को काफी राहत मिलेगी. क्योंकि बड़ी संख्या में ऐसे युवा है जो मेरठ से दिल्ली के लिए जॉब करते हैं. अभी साउथ तक पहुंचने में काफी समय लगता है. ऐसे में अगर मेरठ बेगमपुल या मोदीपुरम से ही ट्रेन की सुविधा मिलेगी. तो वह प्रतिदिन इससे सफर करते हुए नजर आएंगे.

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