आजमगढ़. लगातार बढ़ रही ट्रैफिक की समस्या को देखते हुए आजमगढ़ में सड़कों का तेजी से विकास और चौड़ीकरण की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. आजमगढ़ बाईपास को फोरलेन में तब्दील करने के लिए काम शुरू किया जा चुका है. आजमगढ़ में रिंग रोड भी बनाया जाना है, ताकि शहर के अंदर भारी वाहनों को प्रवेश न करना पड़े और जाम की समस्या को कम किया जा सके. आजमगढ़ में रिंग रोड बनने से शहर में लगने वाले जाम के झाम से छुटकारा मिल सकेगा. इसकी प्रक्रिया भी काफी तेजी से चल रही है. रानी की सराय के सेमराहा अंडरपास से गोरखपुर दोहरीघाट मार्ग पर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के समीप उकरौडा तक 15.7 किलोमीटर लंबे रिंग रोड का निर्माण किया जाना है. इसे शासन की तरफ से मंजूरी भी दे दी गई है.
प्राधिकरण के मुताबिक, यह रिंग रोड वाराणसी लुंबिनी एनएच 233 से सेमराहा रानी की सराय गांव के पास स्थित किलोमीटर संख्या 218.800 से शुरू होकर, बैठौली बाईपास होते हुए प्रयागराज दोहरीघाट गोरखपुर मार्ग पर पूर्वांचल एक्सप्रेसवे के 247.850 किलोमीटर पर उकरौडा के समीप जाकर मिलेगा.
इन शहरों के लिए सुविधाइस प्रोजेक्ट के लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) डीपीआर तैयार कर रहा है. प्रयागराज, मुंगरा बादशाहपुर, जौनपुर, आजमगढ़, दोहरीघाट राजमार्ग के अंतर्गत पड़ने वाले शहर के पूर्वी छोर के बाईपास को फोरलेन में तब्दील करने का कार्य प्रस्तावित था. इसके लिए डिटेल प्रोजेक्ट रिपोर्ट तैयार की जा रही है. निर्माण की मंजूरी मिल चुकी है.
27 गांवों की इतनी भूमि..इस रिंग रोड के लिए 27 गांवों के किसानों की 91.3991 हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया जाएगा. एनएचएआई के सर्वे में जिन 27 गांव को चिन्हित किया गया है, उनमें खैरपुर, जगजीवन, मौलाना पर माफी, ऊंचा गांव, तमोली, जीरकपुर, अबू सैदपुर, सारी शादी, गौरडीहा, आईमा, गौरड़िया, खालसा, बलेनादी, चक दुबे, गंगापुर, बदरुद्दीनपुर आदि शामिल हैं.
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