Last Updated:May 31, 2025, 23:34 ISTGreater Noida to Ghaziabad Route: ग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद को जोड़ने के लिए 4 किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड की योजना बनाई गई है. यह सड़क जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और इंटरनेशनल फिल्म सिटी की कनेक्टिविटी को बेहतर बना…और पढ़ेंX
ग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद तक घंटों का सफर अब मिनटों में होगा तय, बनाया गया खास पहाइलाइट्सग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद को जोड़ने के लिए 4 किमी एलिवेटेड रोड बनेगा.एलिवेटेड रोड से नोएडा एयरपोर्ट और फिल्म सिटी की कनेक्टिविटी बेहतर होगी.प्रस्तावित सड़क छह लेन की होगी और एनएच 9 से जुड़ेगी.धीरेंद्र कुमार शुक्ला/ग्रेटर नोएडा. उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा से गाजियाबाद को जोड़ने के लिए एक एलिवेटेड रोड बनाने की योजना तैयार की गई है. जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट और इंटरनेशनल फिल्म सिटी को लेकर इस क्षेत्र में गतिविधियां तेज़ हो गई हैं. हर रोज इन दोनों परियोजनाओं की बेहतर कनेक्टिविटी सुनिश्चित करने के लिए नई योजनाएं बनाई जा रही हैं. इसी कड़ी में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेटर नोएडा वेस्ट के मूर्ति चौक को शाहबेरी और क्रॉसिंग रिपब्लिक के रास्ते एनएच-9 से जोड़ने वाली चार किलोमीटर लंबी एलिवेटेड रोड के लिए योजना तैयार कर ली है.
कनेक्टिविटी होगी बेहतरग्रेटर नोएडा में प्रस्तावित एलिवेटेड रोड के निर्माण से दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे के जरिए ग्रेटर नोएडा, ग्रेटर नोएडा वेस्ट, गाजियाबाद और दिल्ली के बीच की कनेक्टिविटी और अधिक आसान हो जाएगी. यह एलिवेटेड रोड इस क्षेत्र में चल रही कई प्रमुख कनेक्टिविटी परियोजनाओं में से एक है. यहां नोएडा एक्सप्रेसवे बाईपास और चिल्ला एलिवेटेड रोड का निर्माण भी तेज़ी से चल रहा है. नोएडा एयरपोर्ट के शुरू होने के बाद बढ़ने वाले ट्रैफिक को ध्यान में रखते हुए इन सभी परियोजनाओं पर विशेष गति से कार्य किया जा रहा है, ताकि भविष्य में आवाजाही में किसी तरह की समस्या न हो.
इतने किलोमीटर का होगा एलिवेटेड रोडइलाके में ट्रैफिक जाम की समस्या को खत्म करने के लिए 4 किलोमीटर लंबी छह लेन की एलिवेटेड रोड बनाए जाने की योजना तैयार की गई है. यह सड़क ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सेक्टर-4 स्थित एक मूर्ति गोलचक्कर से शुरू होकर 130 मीटर चौड़ी सड़क पर विकसित की जाएगी. यह मार्ग शाहबेरी और गाजियाबाद के क्रॉसिंग रिपब्लिक को पार करते हुए दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे (एनएच-9) से जुड़ेगा. इसके माध्यम से दिल्ली, गाजियाबाद और उत्तर प्रदेश के अन्य क्षेत्रों की ओर जाने वाले लोग बिना जाम में फंसे आसानी से सफर कर सकेंगे. इससे ट्रैफिक व्यवस्था बेहतर होने के साथ-साथ लोगों को समय की भी बचत होगी.
जाम से जूझता है पूरा इलाकाअगर ग्रेटर नोएडा की बात करें तो यहां लगभग हर क्षेत्र में जाम की गंभीर समस्या बनी हुई है. खासतौर पर 8 किलोमीटर के दायरे में रोजाना जाम की स्थिति देखी जाती है. ग्रेटर नोएडा वेस्ट से लेकर दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे तक का इलाका जाम से सबसे अधिक प्रभावित रहता है. एनसीआर के शहरों के बीच यात्रा करने वाले वाहन चालकों को रोज घंटों जाम में फंसे रहना पड़ता है. विशेषज्ञों का मानना है कि इस साल के अंत में जब नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट का संचालन शुरू होगा, तो ट्रैफिक का दबाव और बढ़ेगा, जिससे मौजूदा सड़कों पर जाम की स्थिति और भी गंभीर हो सकती है.
मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने दी जानकारीग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के मुख्य कार्यपालक अधिकारी रवि कुमार एनजी ने बताया कि ग्रेटर नोएडा वेस्ट और गाजियाबाद के बीच स्थित क्रॉसिंग रिपब्लिक क्षेत्र आवासीय परियोजनाओं का प्रमुख केंद्र बन चुका है. हालांकि, दोनों शहरों के बीच कमजोर कनेक्टिविटी के कारण इस खंड पर अक्सर ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रहती है. जैसे-जैसे अधिक लोग इन नई हाउसिंग सोसाइटियों में शिफ्ट हो रहे हैं, ट्रैफिक का दबाव और बढ़ता जा रहा है. उन्होंने उम्मीद जताई कि प्रस्तावित एलिवेटेड रोड के निर्माण से ग्रेटर नोएडा और जेवर एयरपोर्ट की ओर जाने वाले यात्रियों को बड़ी राहत मिलेगी और कनेक्टिविटी बेहतर होगी.
अगले साल होंगे बदलाव उन्होंने आगे बताया कि अगले 10 साल में इस क्षेत्र की आबादी 15 से 20 लाख तक पहुंचने का अनुमान है. अथॉरिटी बोर्ड ने इसे एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय संपर्क सड़क के रूप में वर्गीकृत किया है. नोएडा प्राधिकरण और ईडीए के बीच इस परियोजना के लिए वित्तीय सहयोग का प्रस्ताव रखा गया है. हालांकि, सूत्रों के अनुसार नोएडा और यमुना प्राधिकरण के जिम्मेदार अधिकारियों ने इस क्षेत्र में किसी भी परियोजना को फाइनेंस करने से इनकार करने की संभावना भी जताई है.
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