Uttar Pradesh

गरीब महिलाओं और बच्चियों के लिए वरदान बनी ये संस्था, जानिए कैसे बना रही आत्मनिर्भर



विशाल झा/गाज़ियाबाद. उत्तर प्रदेश में गाजियाबाद की इंदिरापुरम सोसायटी एक ऐसी जगह है, जहां बड़ी संख्या में रेजिडेंसियल कॉलोनियां मौजूद हैं. इन कॉलोनियों में गरीब तबके की महिलाएं साफ-सफाई का काम करती हैं और अपने परिवार का पेट पालती हैं. आर्थिक स्थिति कमजोर होने के कारण इनके परिवारों के बच्चे अच्छी शिक्षा से महरूम हो जाते हैं. ऐसे परिवारों की मदद के लिए और उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा मिल सके इसके लिए गाजियाबाद की डॉक्टर भारती गर्ग ने अस्मि कौशल विकास केंद्र नाम से एक संस्था शुरू किया है. जो ना सिर्फ बच्चों को बल्कि गरीब महिलाओं को भी सशक्त बना रही है.
अस्मि कौशल विकास केंद्र आज की तारीख में गरीब तबके की महिलाओं और स्कूल ड्रॉपआउट छात्राओं के लिए वरदान साबित हो रही है. अस्मि फाउंडेशन द्वारा महिलाओं और बच्चियों को सिलाई, कढ़ाई, बुनाई, मेहंदी लगाना आदि सिखाया जाता है. यह संस्था पिछले 5 वर्षों से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कार्य कर रही है. इस संस्था में अलग-अलग शिफ्ट में महिलाओं और बच्चियों को ट्रेनिंग दी जाती है. अब तक तकरीबन 200 महिलाओं और लड़कियों को अस्मि संस्था प्रशिक्षित कर आत्मनिर्भर बना चुकी है.इतना ही नहीं ट्रेनिंग के दौरान जो भी वस्तुएं बनाई जाती हैं. उसकी प्रदर्शनी विभिन्न जगहों पर लगाई जाती है. प्रदर्शनी से मिलने वाले पैसों को बनाने वाले को वापस कर दिया जाता है.
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का उद्देश्यNEWS 18 LOCAL से बात करते हुए अस्मि फाउंडेशन की संस्थापक डॉ. भारती ने बताया कि, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने से अच्छा और कोई काम नहीं हो सकता है. इस कौशल केन्द्र के माध्यम से महिलाओं को आत्मनिर्भर और रोजगार परक बनानया जाता है. ताकि वो जीविका चलाने में सक्षम हो जाएं. साथ ही ना भारती बताती हैं कि, अब ना सिर्फ लड़कियों के लिए बल्कि लड़कों के लिए भी मोबाइल रिपेयरिंग और सॉफ्टवेयर की ट्रेनिंग देने पर विचार किया जा रहा है.
संस्था ने बदली मेरी जिंदगीइंदिरापुरम के कनावनी गांव की रहने वाली सुनीता देवी बताती हैं कि, उन्हें संस्था से काफी लाभ मिला है. News 18 Local को सुनीता ने बताया कि, अब उन्हें सिलाई का काफी अनुभव मिल चुका है. घर के आसपास के लोग कपड़े सिलवाने के लिए उनके पास आते हैं. जिसकी बदौलत दो वक्त की रोटी का इंतजाम हो जाता है. वहीं सुनीता ने बताया कि, महीने भर में 4 हजार तक की कमाई कपड़ों की सिलाई कर कमा लेती हैं. अब वो भविष्य में जीविका चलाने के लिए बुटीक भी खोलना चाहती हैं.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी| आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी|Tags: Ghaziabad News, Uttar pradesh newsFIRST PUBLISHED : October 01, 2022, 17:45 IST



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