Uttar Pradesh

Greater Noida: फर्जी मार्कशीट लगाकर पाई मृतक आश्रित में नौकरी, 26 साल बाद खुला राज, अब होगी सैलरी की रिकवरी



हाइलाइट्सप्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत जोगेंद्र सिंह की 12वीं की मार्कशीट फर्जी निकली 1997 में पिता की मृत्यु के बाद जोगेंद्र सिंह को मृतक आश्रित कोटे के तहत मिली थी नौकरी ग्रेटर नोएडा. दादरी ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय पटाड़ी में प्रधानाध्यापक के पद पर कार्यरत जोगेंद्र सिंह की 12वीं की मार्कशीट फर्जी निकलने पर उन्हें सेवा से बर्खास्त कर दिया. बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी  ने 26 साल की नौकरी के दौरान मिले वेतन और अन्य मद में भुगतान की रिकवरी के आदेश दिए है. इसके साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी दादरी ने इस मामले में एक एफआइआर भी दर्ज कराई है. जोगेंद्र सिंह की नियुक्ति पिता की मृत्यु हो जाने के बाद 9 अगस्त 1997 में मृतक आश्रित कोटे के तहत हुई थी. उस समय उन्हें अप्रशिक्षित ग्रेड पे स्केल 850 पर रखा गया था. साल 2002 में उन्हें प्रशिक्षित ग्रेड पे स्केल 4500 में रखा गया. वर्तमान समय में उन्हें करीब 80 हजार रुपये हर महीने वेतन के रूप में मिल रहा था.

बता दें कि मेरठ में रहने वाले मनोज कुमार ने फरवरी में चार शिक्षकों की शिकायत की थी. मनोज कुमार ने शिकायती पत्र में चारों शिक्षकों के शैक्षिक दस्तावेज की जांच कराने की मांग की थी. सहायक मंडलीय शिक्षा निदेशक, मेरठ दिनेश कुमार यादव ने गौतमबुद्ध नगर की बेसिक शिक्षा अधिकारी ऐश्वर्या लक्ष्मी को जांच करके कार्रवाई करने के लिए निर्देशित किया था. शिकायत मिलने पर मेरठ बोर्ड कार्यालय से जोगेंद्र सिंह के शैक्षिक दस्तावेजों की जांच कराई गई. मेरठ बोर्ड कार्यालय की ओर से 17 अप्रैल को जोगेंद्र सिंह की 12वीं की फर्जी मार्कशीट की जानकारी विभाग को प्राप्त हुई. विभाग की ओर से अन्य कानूनी कार्रवाई पूरी होने के बाद 12 मई को जोगेंद्र सिंह की सेवा समाप्त कर दी गई.

26 साल की नौकरी के दौरान मिले वेतन की भी रिकवरी विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जोगेंद्र सिंह के खिलाफ 420, 467, 468, 471 के तहत एफआइआर दर्ज कराई गई है. फर्जी दस्तावेज लगाकर नौकरी करने वाला जिले में पहला मामला आया है. इसके साथ ही 26 साल की नौकरी के दौरान मिले वेतन की भी रिकवरी की जाएगी.

एक करोड़ 24 लाख 80 हजार के राजस्व का नुकसान होने से बचाजोगेंद्र सिंह की फर्जी मार्कशीट का पता लगने पर करीब एक करोड़ 24 लाख 80 हजार के राजस्व का नुकसान होने से बच गया. जांच में यदि फर्जी मार्कशीट का पता नहीं चलता तो जोगेंद्र सिंह अभी 2036 तक नौकरी करता. स्कूल से मिली जानकारी के अनुसार जोगेंद्र सिंह प्रतिदिन समय से स्कूल पहुंच जाते थे. 12 मई को जोगेंद्र सिंह की सेवा समाप्त कर दी गई है. रिकवरी के आदेश के साथ एफआइआर दर्ज कराई है. अन्य तीन शिक्षकों के दस्तावेज की जांच की जा रही है. यदि वह भी दोषी पाएं जाते हैं तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
.Tags: Greater noida news, UP latest newsFIRST PUBLISHED : May 31, 2023, 11:19 IST



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