रजत भट्ट: गोरखपुर में नगर निगम सफाई के साथ अब शहर वालों को इंटरलॉकिंग ईंट देने का भी काम करेगा. दरअसल नगर निगम ने निर्माण कार्य और तोड़फोड़ के दौरान निकलने वाले मलबे में (कंस्ट्रक्शन एंड डेमोलिशन वेस्ट) के निस्तारण के लिए महेसरा में एक प्लांट तैयार किया है. जहां रविवार से इंटरलॉकिंग ईंट बनाने का काम भी शुरू किया गया. वहीं इससे पार्कों के लिए बेंच भी बनाए जाएंगे. नगर निगम इंटरलॉकिंग ईटों का प्रयोग खुद की परियोजनाओं में भी करने के साथ इसे बाजार में भी कम दाम में उपलब्ध कराएगा. जिस प्लांट के जरिए इस इंटरलॉकिंग ईंट को तैयार किया जा रहा है, वहां पर हर रोज 10 हजार ईट तैयार की जा सकती हैं.कंस्ट्रक्शन एंड वेस्ट डिमोलिश प्लांटगोरखपुर के महेसरा में करीब 2.65 करोड रुपए की लागत से ‘कंस्ट्रक्शन एंड डिमोलिश्ड वेस्ट प्लांट’ तैयार हुआ है. इसका संचालन दो महीने पहले शुरू किया गया. प्लाट के निर्माण के साथ इसके रख रखाव का भी काम शुरू हुआ है. वेस्ट को वैज्ञानिक ढंग से क्रश किया जा रहा है. इसे तैयार भारी चीज यानी बालू में सीमेंट मिलाकर सांचे में डालकर इंटरलॉकिंग ईट तैयार किया जा रहा है. जल्दी इंटरलॉकिंग ईट की मजबूती का परीक्षण कराया जाएगा. जरूरत पड़ने पर और चीजों को मिलाकर बेस्ट क्वालिटी की इंटरलॉकिंग ईंट तैयार की जाएगी.हर दिन 3 से 4 टन कचरा निस्तारणहर दिन नगर निगम के इस प्लांट के जरिए तीन से चार टन कचरे का निस्तारण किया जा रहा है. वर्तमान समय में 80 टन CND वेस्ट पड़ा है. हर दिन तीन से चार टन मलवा प्लांट पर आ रहा है. निर्माण करने वाले लोक निर्माण विभाग, निगम, जल निगम समिति सभी कार्यवादी संस्था को निर्माण के दौरान निकलने वाले मलवे को प्लांट भिजवाने के लिए, नगर निगम प्रेरित कर रहा है. अपर नगर आयुक्त मणि भूषण तिवारी बताते हैं कि आत्मनिर्भर बनने के लिए यह एक बेहतर कदम है. इंटरलॉकिंग ईंट का काम तो खुद नगर निगम करेगा ही, उसका प्रयोग अपने लिए भी होगा और बाजार में भी उसे बेचा जाएगा.FIRST PUBLISHED : July 9, 2024, 16:57 IST
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