Uttar Pradesh

गोरखपुर: पूर्व विधायक राजन तिवारी की जमानत याचिका खारिज, गैंगस्टर एक्ट में हुई है गिरफ्तारी



हाइलाइट्सगोरखपुर की कोर्ट ने पूर्व विधायक राजन तिवारी को जमानत देने से किया इंकारराजन तिवारी पर की गई है गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाईगोरखपुर: उत्तर प्रदेश की फतेहगढ़ जेल में बंद पूर्व विधायक और माफिया राजन तिवारी को करारा झटका लगा है. गोरखपुर की गैंगस्टर कोर्ट ने माफिया राजन तिवारी की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है. विशेष न्यायाधीश सुबोध वार्ष्णेय ने माफिया राजन तिवारी की जमानत याचिका को खारिज किया है. सरकारी वकील ने राजन तिवारी को जमानत देने के खिलाफ जोरदार अपील की थी. जिसके बाद न्यायालय ने जमानत याचिका खारिज की है.
विशेष लोक अभियोजक अखिलेश शुक्ल और घनश्याम सिंह ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त राजन तिवारी गिरोहबन्द व्यक्ति है. जिसके बाद विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर कोर्ट ने माफिया राजन तिवारी की जमानत को खारिज किया है. गौरतलब है कि विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर कोर्ट में माफिया राजन की जमानत अर्जी दाखिल की गई थी. जिस पर विशेष न्यायाधीश सुबोध वार्ष्णेय ने सुनवाई के दौरान अपराध की गंभीरता को देखते हुए खारिज कर दिया है.
गैर जमानती वारंट हुआ था जारीआपको बता दें कि गोरखपुर के सोहगौरा निवासी राजन तिवारी के ऊपर गैंगस्टर के मामले में ही गैर जमानती वारंट जारी था. जिस पर कैंट पुलिस ने बिहार के रक्सौल से राजन तिवारी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. जहां से उसे जेल भेज दिया गया था. लेकिन गोरखपुर जेल से गिरफ्तारी के महज 36 घंटे के अंदर राजन तिवारी को यूपी के फतेहगढ़ सेंट्रल जेल में ट्रांसफर कर दिया गया था. सोमवार को राजन तिवारी के अधिवक्ता ने जमानत अर्जी का आवेदन किया था.
जमानत अर्जी का विरोध करते हुए विशेष लोक अभियोजक अखिलेश शुक्ल और घनश्याम सिंह ने कोर्ट को बताया कि अभियुक्त राजन तिवारी गिरोहबन्द व्यक्ति है. वह अपने आर्थिक और भौतिक लाभ के लिए भारतीय दण्ड संहिता के अध्याय 16,17 और 22 में वर्णित अपराध करता है. अभियुक्त के खौफ से कोई मुकदमा दर्ज कराने और गवाही देने का साहस नहीं करता है. अभियुक्त के विरूद्ध हत्या और हत्या के प्रयास के दो मुकदमे गैंगचार्ट में दर्ज हैं. अभियुक्त का स्वतन्त्र रहना उचित नहीं है. उधर, राजन तिवारी के अधिवक्ता की तरफ से रंजिश में फंसाए जाने की बात कही गई. न्यायाधीश ने पत्रावली पर उपलब्ध सबूतों के आधार पर मामले की गंभीरता को देखते हुए जमानत अर्जी निरस्त कर दिया.
गैंगस्टर श्री प्रकाश शुक्ला की गिरोह का सदस्य है राजन तिवारीआपको बता दें कि पूर्व विधायक माफिया राजन तिवारी के खिलाफ कैंट पुलिस ने साल 1997 में गैंगस्टर एक्ट के तहत कार्रवाई की थी. पुलिस ने राजन तिवारी के गैंग का लीडर श्रीप्रकाश शुक्ला जबकि सदस्य के तौर में राजन तिवारी समेत चार लोगों का नाम शामिल था. हालांकि बाद में श्रीप्रकाश शुक्ला समेत तीन को पुलिस ने एनकाउंटर में मार दिया था. जबकि माफिया राजन तिवारी अब इस केस में बचा हुआ है.
राजन के ऊपर वर्ष 2002 में गैर जमानती वारंट जारी हो रहा था. यूपी माफिया की सूची में राजन तिवारी का नाम शामिल करने के बाद, एडीजी ने जब क्राइम रिकॉर्ड की तलाश शुरू कराई तब इस वारंट के बारे में पता चला. जिसके बाद राजन की तलाश में गोरखपुर जिले की कैंट पुलिस की टीम ने बिहार जाकर माफिया राजन तिवारी को गिरफ्तार कर जेल भेजा था.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Chief Minister Yogi Adityanath, CM Yogi Adityanath, Gorakhpur news, Uttarpradesh newsFIRST PUBLISHED : August 30, 2022, 01:10 IST



Source link

You Missed

Congress, SAD urge PM Modi, HM Shah to allow Sikh jatha to visit Pakistan on Guru Nanak’s birthday
Top StoriesSep 18, 2025

कांग्रेस, शिरोमणि अकाली दल ने पीएम मोदी, गृह मंत्री शाह से गुरु नानक देव जी के जन्मदिन पर सिख जत्था को पाकिस्तान जाने की अनुमति देने की गुहार लगाई

पंजाब कांग्रेस के अध्यक्ष अमरिंदर सिंह राजा विरिंग ने प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से…

SC reduces jail term of man convicted of rape of minor from 20 years to seven

Scroll to Top