गोरखपुर: उत्तर प्रदेश का ऐतिहासिक शहर गोरखपुर अब अपनी आध्यात्मिक पहचान को और भव्य बनाने की दिशा में बड़ा कदम उठा रहा है. आने वाले समय में जब कोई भी गोरखपुर में प्रवेश करेगा, तो उसका स्वागत भव्य और आकर्षक ‘योगी प्रवेश द्वारों’ से किया जाएगा. ये द्वार सिर्फ शहर की सुंदरता नहीं बढ़ाएंगे, बल्कि नाथ योगियों की परंपरा और सांस्कृतिक विरासत की झलक भी देंगे. यह प्रोजेक्ट गोरखपुर को न केवल एक नया लुक देगा, बल्कि इसे एक पर्यटन स्थल के रूप में भी मजबूत करेगा.
सात योगियों के नाम पर होंगे शहर के 7 प्रवेश द्वारइस महत्वाकांक्षी योजना के तहत गोरखपुर के सात प्रमुख रास्तों पर भव्य प्रवेश द्वार बनाए जाएंगे. इन द्वारों के नाम गोरखपुर के महान योगियों और संतों के नाम पर रखे जाएंगे, जिनमें गुरु गोरखनाथ, योगी मत्स्येन्द्रनाथ, बाबा गंभीरनाथ, महंत दिग्विजयनाथ, महंत अवेद्यनाथ, महंत बालकनाथ और महंत गौरिनाथ शामिल हैं. यह प्रस्ताव गोरखपुर के सांसद रवि किशन शुक्ला ने सरकार को भेजा था, जिसे अब मंजूरी मिल चुकी है. इसके बाद गोरखपुर विकास प्राधिकरण (GDA) को निर्देश दिए गए हैं कि वह इसकी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) तैयार करे और सरकार को भेजे.
कहां-कहां बनेंगे योगी द्वार?GDA के मुख्य अभियंता किशन सिंह के मुताबिक, जिन सात स्थानों को इस परियोजना के लिए चुना गया है, वे हैं – देवरिया रोड, वाराणसी रोड, महाराजगंज रोड, सोनौली रोड, कुशीनगर रोड, लखनऊ रोड और पिपराइच मार्ग. ये सभी मार्ग शहर के महत्वपूर्ण प्रवेश बिंदु हैं. इन स्थानों का चयन इस तरह से किया गया है कि हर दिशा से आने वाले लोगों को गोरखपुर की विरासत और पहचान का भव्य अहसास हो.
करोड़ों रुपये की लागत, शुरुआत सोनौली और कुशीनगर सेप्रत्येक योगी द्वार के निर्माण पर लगभग 2.5 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे. खास बात यह है कि सोनौली मार्ग पर बनने वाला द्वार सबसे बड़ा होगा, जिसकी अनुमानित लागत करीब 3 करोड़ रुपये तय की गई है. इस प्रोजेक्ट के पहले चरण में कुशीनगर और सोनौली मार्ग पर द्वारों का निर्माण किया जाएगा. जैसे ही DPR तैयार होगी, उसे आवास एवं शहरी नियोजन विभाग-एक को मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. यह पूरी परियोजना इंफ्रास्ट्रक्चर फंड की मदद से पूरी की जाएगी.
गोरखपुर की सुंदरता और पर्यटन दोनों को मिलेगा बढ़ावाGDA के उपाध्यक्ष आनंद वर्धन ने बताया कि यह परियोजना गोरखपुर शहर के सौंदर्यीकरण और समग्र विकास में बेहद अहम भूमिका निभाएगी. भव्य योगी द्वार न केवल शहर की ऐतिहासिक और धार्मिक पहचान को दर्शाएंगे, बल्कि आने-जाने वालों के लिए एक यादगार अनुभव भी बनेंगे. इससे गोरखपुर को पर्यटन के नक्शे पर एक खास पहचान मिलेगी और लोगों को शहर की गौरवशाली परंपरा से जुड़ने का अवसर भी मिलेगा.