Year 2021 in Google Search: किसी को कुछ भी जानना होता है, तो वह गूगल का रुख करता है. इस कारण हमारी जिज्ञासाओं और डर के बारे में गूगल के पास पूरी जानकारी रहती है. सर्च इंजन Google ने हर साल की तरह Year 2021 में भी सर्च लिस्ट जारी की है, जिसमें लोगों द्वारा सर्च किए गए सवालों के बारे में बताया है. Google Year in Search 2021 के What is… चार्ट में भारत के अंदर ब्लैक फंगस को सबसे ऊपर रखा गया है. दरअसल, 2021 के अंदर कोरोना से ज्यादा भारतीय लोगों ने ब्लैक फंगस के बारे में खोजा.
अगर आप भी उन लोगों में से थे, जो ब्लैक फंगस के बारे में जानना चाहते थे या फिर अभी भी आपको इस बीमारी के बारे में पूरी जानकारी नहीं है. तो इस आर्टिकल में जानें…
Google year in search 2021: ब्लैक फंगस क्या है?ब्लैक फंगस को मेडिकल भाषा में Mucormycosis कहा जाता है. जो कि एक दुर्लभ, लेकिन गंभीर इंफेक्शन है. सीडीसी के मुताबिक, यह फंगल इंफेक्शन mucormycetes नामक मोल्ड के कारण होता है. जो कि पूरे वातावरण में मौजूद होते हैं. लेकिन, जब किसी गंभीर बीमारी या दवाओं के कारण शरीर की संक्रमण से लड़ने की ताकत कमजोर हो जाती है, तो वह इस संक्रमण का शिकार बन जाता है. यह मोल्ड्स सांस के द्वारा साइनस और फेफड़ों तक पहुंचते हैं या फिर स्किन में किसी कट या जख्म के द्वारा भी शरीर में प्रवेश कर सकते हैं.
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Google Search in Year 2021: ब्लैक फंगस के लक्षणसीडीसी के मुताबिक, ब्लैक फंगस के लक्षण इस बात पर निर्भर कर सकते हैं कि फंगल इंफेक्शन कहां विकसित हो रहा है. जैसे-
साइनस और दिमाग में ब्लैक फंगस होने पर-
चेहरे की एक साइड में सूजन
सिरदर्द
बंद नाक या साइनस कंजेशन
नाक के ऊपर या मुंह के तलवे में काला निशान
बुखार
फेफड़ों में ब्लैक फंगस होने पर
बुखार
खांसी
सीने में दर्द
सांस फूलना
स्किन में ब्लैक फंगस होने पर
छाला
जख्म
त्वचा पर काला निशान
लालिमा
सूजन
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पेट में ब्लैक फंगस होने पर
पेट में दर्द
जी मिचलाना और उल्टी
गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल ब्लीडिंग
Indian Search in Year 2021: ब्लैक फंगस का इलाजसीडीसी के मुताबिक, ब्लैक फंगस या mucormycosis एक गंभीर फंगल इंफेक्शन है, जिसका इलाज एंटी-फंगल मेडिसिन द्वारा किया जाता है. जिसके लिए आमतौर पर amphotericin B, posaconazole या isavuconazole आदि दवाएं इस्तेमाल की जाती हैं. इसके अलावा, कई बार ब्लैक फंगस का इलाज करने के लिए सर्जरी की भी जरूरत पड़ती है. जिसमें संक्रमित टिश्यू को शरीर से अलग कर दिया जाता है. ताकि वह आगे ना फैल पाए.
यहां दी गई जानकारी किसी भी चिकित्सीय सलाह का विकल्प नहीं है. यह सिर्फ शिक्षित करने के उद्देश्य से दी जा रही है.
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