Uttar Pradesh

Good News: किसानों की आय बढ़ा रहा काला गेंहू, जानलेवा बीमारियों से बचाव में भी मददगार



कृष्ण गोपाल द्विवेदी

बस्ती. काला गेहूं कई लोगों के लिए रामबाण बनता चला जा रहा है. खास तौर पर ब्लड शुगर और ब्लड प्रेशर के मरीजों के लिए, इसका खुलासा एक सर्वे में हुआ है. काले गेहूं के कई स्वास्थ्य लाभ होते हैं और इसमें कई महत्वपूर्ण पोषक तत्व होते हैं. इसको खाने से शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. उत्तर प्रदेश के बस्ती में प्रशासन के द्वारा लगातार काला गेहूं के उत्पादन को लेकर जोर दिया जा रहा है. क्योंकि काला गेहूं न सिर्फ स्वास्थ्य के लिए लाभकारी है, बल्कि किसानों के लिए भी इसकी खेती फायदे का सौदा है.

काले गेहूं का उत्पादन कर किसान अपनी आमदनी बढ़ा सकते हैं. मार्केट में काले गेहूं की कीमत 120-140 रुपए प्रति किलो है. इसका प्रति क्विंटल दाम 8-10 हज़ार रुपया है. वहीं, समान्य गेहूं 20-25 रुपए प्रति किलो और 1,800 से लेकर दो हजार रुपये प्रति क्विंटल है. कोरोना काल के बाद लोग अपनी सेहत को लेकर काफी सजग हो गए हैं, उसका ही नतीजा है कि लोग हेल्थी फ़ूड पर ज्यादा जोर दे रहे हैं.

काला गेहूं कैसे है लाभकारी

काले गेहूं में एंथोसाइनिन पिगमेंट 40-140 पीपीएम तक पाया जाता है. जबकि, आम गेंहू में यह 5-15 पीपीएम ही होता है. चूंकि एंथोसाइनिन एक नेचुरल एंटीऑक्सीडेंट व एंटीबायोटिक होता है इसलिए काला गेहूं स्वस्थ रहने का जरिया बनता जा रहा है. इसका शरीर पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है. सामान्य गेहूं की तुलना में काले गेहूं में पाचन क्षमता अधिक होती है. यह मानव के शरीर के पाचनतंत्र के लिए बेहद प्रभावशाली होता है.

रोगों के उपचार में है रामबाण

काले गेहूं में एंथोसाइनिन की मात्रा अधिक होने के कारण यह शुगर, ब्लड प्रेशर, हार्ट अटैक, कैंसर, मानसिक तनाव, जोड़ों का दर्द और एनीमिया जैसे रोगों के लिए काफी कारगर साबित होता है. लोग अधिक से अधिक मात्रा में काले गेहूं का इस्तेमाल कर के कई रोगों से बच सकते हैं. काले गेहूं में ट्राइग्लिसराइड जैसे तत्व पाए जाते हैं, जो दिल के खतरे को कम करने में कारगर साबित होते हैं.

खास काला रंग की वजह

बंजारिया फर्म के जेडी डॉ. अतुल कुमार सिंह ने बताया कि काले गेहूं की बालियां सामान्य गेहूं जैसे ही हरी होती हैं. लेकिन, पकने के बाद उसका रंग काला हो जाता है. फलों, सब्जियों और अनाज के रंग उनमें मौजूद प्लांट पिगमेंट या रजक कणों की वजह से होता है. चूंकि काले गेहूं में एंथोसाइनिन पिगमेंट की मात्रा अधिक होती है. इसलिए इसका रंग गाढ़ा बैंगनी और काला हो जाता है.

डॉक्टर वीरेंद्र कुमार ने बताया कि काला गेहूं अपने औषधीय गुणों को लेकर काफी कारगर है, लोग इसका सेवन करके कई प्रकार के जानलेवा बीमारियों से बच सकते हैं.
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