Good news for bald men scientists have discovered a simple way to regrow hair | गंजेपन का इलाज मुमकिन! वैज्ञानिकों ने बालों को फिर से उगाने का खोजा आसान तरीका, जल्द बाजार में आ सकता है नया ट्रीटमेंट

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Good news for bald men scientists have discovered a simple way to regrow hair | गंजेपन का इलाज मुमकिन! वैज्ञानिकों ने बालों को फिर से उगाने का खोजा आसान तरीका, जल्द बाजार में आ सकता है नया ट्रीटमेंट



दुनियाभर में गंजेपन से परेशान लाखों पुरुषों के लिए एक अच्छी खबर आई है. जो लोग हर सुबह शीशे में गिरते बालों को देखकर मायूस हो जाते हैं, उनके लिए अब राहत की किरण दिखाई दी है. स्पेन के वैज्ञानिकों ने एक नया ट्रीटमेंट विकसित किया है, जिससे बालों का झड़ना न केवल रोका जा सकता है, बल्कि दोबारा बाल उगाए जा सकते हैं. इस इलाज को 2029 तक आम लोगों के लिए उपलब्ध कराए जाने की उम्मीद जताई जा रही है.
मैड्रिड स्थित अस्पताल क्लिनिको सैन कार्लोस के वैज्ञानिकों ने एक अध्ययन के दौरान पुरुष और महिला चूहों पर स्टेम सेल आधारित तकनीक का सफल प्रयोग किया है. इस प्रयोग में वैज्ञानिकों ने देखा कि जिन चूहों पर स्टेम सेल और एडेनोसिन ट्राइफॉस्फेट (ATP) का मिश्रण इंजेक्ट किया गया, उनके शरीर पर तीन हफ्तों के अंदर बाल फिर से उगने लगे. कुछ मामलों में तो बालों की मोटाई और घनत्व पहले से भी बेहतर हो गया.
इस शोध का नेतृत्व कर रहे डॉ. एडुआर्डो लोपेज ब्रैन ने बताया किहमने स्टेम सेल की रिप्रोडक्टिव कैपेसिटी और ATP की एनर्जी को मिलाकर यह इलाज तैयार किया है, जिससे बालों के फॉलिकल्स की रिकवरी होती है और नए बाल उगने लगते हैं.
गंजेपन का विज्ञानहमारे सिर पर हजारों बाल छोटे-छोटे छिद्रों यानी हेयर फॉलिकल्स से निकलते हैं. जब ये फॉलिकल्स सिकुड़ने लगते हैं और उनमें पोषण नहीं पहुंचता, तो बाल पतले होकर टूटने लगते हैं और अंततः नए बाल आना बंद हो जाते हैं. इस प्रक्रिया के पीछे मुख्य रूप से हार्मोन DHT (डायहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन) और जेनेटिक फैक्टर जिम्मेदार होते हैं.
अध्ययन में चूहों को पहले DHT दिया गया ताकि उनके बाल झड़ जाएं. इसके बाद आधे चूहों को स्टेम सेल और ATP का मिश्रण इंजेक्ट किया गया और बाकी को कुछ नहीं दिया गया. 21 दिनों बाद जिन चूहों को इलाज मिला था, उनके बाल या तो पूरी तरह वापस आ चुके थे या बड़े पैमाने पर फिर से उगने लगे थे.
इंसानों पर कब होगा टेस्ट?शोधकर्ताओं का मानना है कि यह तकनीक इंसानों पर भी काम कर सकती है. अगले चरण में ह्यूमन ट्रायल शुरू किए जाएंगे. इंसानों में यह ट्रीटमेंट मीसोथैरेपी के जरिए दिया जाएगा, यानी इंजेक्शन के जरिए सीधे सिर की स्किन में यह घोल डाला जाएगा. इस प्रक्रिया को केवल किसी ट्रेंड हेल्थकेयर प्रोफेशनल द्वारा ही किया जा सकेगा. इसलिए यह बाजार में दवा की तरह नहीं मिलेगा, बल्कि डॉक्टर से इलाज के तौर पर लेना होगा.
लागत और उपलब्धताफिलहाल इस ट्रीटमेंट की कीमत तय नहीं की गई है. डॉ. ब्रैन का कहना है कि इसकी लागत इस बात पर निर्भर करेगी कि भविष्य में टेस्ट कितने सफल होते हैं और इसे किस लेवल पर इस्तेमाल के लिए मंजूरी मिलती है. लेकिन यह उम्मीद जरूर की जा रही है कि यह इलाज मौजूदा हेयर ट्रांसप्लांट या टॉपिकल ट्रीटमेंट से सस्ता और प्रभावी होगा.
गंजेपन का मनोवैज्ञानिक असरहालांकि बालों का झड़ना कोई जानलेवा बीमारी नहीं है, लेकिन यह आत्मविश्वास और मेंटल हेल्थ पर गहरा असर डाल सकता है. खासतौर पर युवा पुरुषों में यह चिंता और डिप्रेशन का कारण भी बन सकता है. इसीलिए वैज्ञानिक इस इलाज को जीवन की क्वालिटी से जोड़कर देख रहे हैं.
क्या गंजेपन को अपनाना भी है ऑप्शन?दिलचस्प बात यह है कि हाल ही में एक अध्ययन में यह सामने आया कि महिलाएं गंजे पुरुषों को भी अट्रैक्टिव मानती हैं. इस सर्वे में 2000 महिलाओं से उनकी पसंद पूछी गई, जिसमें मस्कुलर बॉडी के बाद ‘बोल्ड हेड’ सबसे आकर्षक विशेषता पाई गई. शायद यही वजह है कि जेसन स्टैथम, ड्वेन जॉनसन और विन डीजल जैसे स्टार्स आज इतने पॉपुलर हैं.
क्या अन्य ऑप्शन भी हैं?इस क्षेत्र में अन्य प्रयोग भी चल रहे हैं. हार्वर्ड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने लैब में स्टेम सेल से स्किन ऑर्गनॉइड तैयार किए हैं जो बाल उगा सकते हैं. जापान के वैज्ञानिकों ने दो पौधों (फेलोडेंड्रोन की छाल और चिनपी (सुखाई गई संतरे की छिलका) से नेचुरल हेयर ग्रोथ के ऑप्शन पर काम किया है. इसके अलावा शरीर में मौजूद नेचुरल चीनी 2dDR को भी बाल उगाने में कारगर पाया गया है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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