गोंडा में है अद्भुत मंदिर, जहां दर्शन से पितरों को मिलती है मोक्ष की प्राप्ति, जानें मान्यता

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Last Updated:August 23, 2025, 22:49 ISTGonda News: दीनदयाल शोध संस्थान के सचिव रामकृष्ण तिवारी ने लोकल 18 से कहा कि यह मंदिर इसलिए भी खास है. यह उन लोगों के लिए बनाया गया है. जो पैसे या समय की कमी के कारण चारों धाम की यात्रा नहीं कर पाते. यहां दर्श…और पढ़ेंउत्तर प्रदेश के गोंडा विकासखंड इटियाथोक के अंतर्गत जयप्रभा ग्राम में एक ऐसा मंदिर स्थित है. जिसके बारे में जानकर आप हैरान हो जाएंगे. जयप्रभा ग्राम में चारों धाम भक्ति धाम मंदिर स्थित है. इस मंदिर में पितृ पक्ष में लोगों की काफी भीड़ रहती है. इस मंदिर में पूजा करने में से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है.

दीनदयाल शोध संस्थान के सचिव रामकृष्ण तिवारी ने लोकल 18 से कहा कि यह मंदिर इसलिए भी खास है. यह उन लोगों के लिए बनाया गया है. जो पैसे या समय की कमी के कारण चारों धाम की यात्रा नहीं कर पाते. यहां दर्शन के बाद, 12 ब्राह्मणों को भोज कराने से चारों धाम की यात्रा का पुण्य मिलता है.

पितृ दोष दूर करने के लिए यहीं आते हैं लोग
चारों धाम भक्ति धाम मंदिर का निर्माण जन सहयोग नानाजी देशमुख द्वारा 1985 में शुरू करवाया गया था. इसमें जो भी मिस्त्री थे, सभी राजस्थान के थे. पंचमुखी महादेव की मूर्तियां जयपुर से मंगाई गई थी. 2001 में नानाजी देशमुख के द्वारा ही मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की गई. मंदिर का मुख्य उद्देश्य यह है कि जो ग्रामीण क्षेत्र के गरीब जनता चारों धाम की यात्रा नहीं कर सकती. उनके लिए इस मंदिर का निर्माण किया गया था. प्रतिवर्ष लगभग 10 से 15 लाख लोग दर्शन करने मंदिर में आते हैं.

मंदिर बनवाने का क्या था उद्देश्यरामकृष्ण तिवारी बताते हैं कि चारों धाम भक्ति धाम मंदिर मंदिर निर्माण करने का नानाजी देशमुख का सबसे बड़ा उद्देश्य यह था कि जो लोग पैसे के अभाव से या समय के अभाव से चारों धाम की यात्रा नहीं कर पाते हैं वह चारों धाम भक्ति धाम मंदिर का दर्शन करें और मंदिर का परिक्रमा करने के बाद 12 ब्राह्मण को भोज करने पर उनको चारों धाम का फल मिलता है. इसीलिए उन्होंने इस मंदिर का निर्माण सन 2001 में करवाए थे. रामकृष्ण तिवारी बताते हैं कि इस मंदिर में भारत के प्रमुख तीर्थ स्थान और प्रमुख देवी देवताओं के प्रतिमाएं और चित्र मौजूद है जिसको दर्शन मात्र से ही चारों धाम का फल प्राप्त होता है.

किस कल से मंदिर का हुआ है निर्माणरामकृष्ण तिवारी बताते हैं कि इस मंदिर का निर्माण प्राचीन काल से मिलता-जुलता है. उन्होंने बताया कि नेपाल की कलाएं, राजस्थान की कलाएं, गुजरात की कला और दक्षिण भारत की कल से इस मंदिर का निर्माण हुआ है इस मंदिर का निर्माण राजस्थान के कारीगरों द्वारा किया गया है. भरतपुर के पत्थर से पूरे मंदिर का निर्माण किया गया है.न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।Location :Gonda,Uttar PradeshFirst Published :August 23, 2025, 22:36 ISThomedharmगोंडा में है अद्भुत मंदिर, जहां दर्शन से पितरों को मिलती है मोक्ष की प्राप्ति

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