कब करें मोटे धान की कटाई, ताकि मंडी में मिले सबसे अच्छा भाव
मोटे धान की कटाई का सही समय जानना किसानों के लिए बहुत ज़रूरी है, क्योंकि यह सीधे उपज की गुणवत्ता और बाज़ार मूल्य को प्रभावित करता है. मोटे धान की कटाई का सही समय तब होता है जब फसल की 80% से 85% बालियां पककर सुनहरी या पीली हो जाएं. आमतौर पर, यह रोपाई के लगभग 110 से 120 दिनों के बाद सितंबर से अक्टूबर के बीच का समय होता है, हालांकि यह धान की किस्म पर निर्भर करता है. कटाई से 15 दिन पहले खेत की सिंचाई बंद कर देनी चाहिए ताकि खेत सूख जाए. इस समय दानों में नमी का स्तर 20-22% के आसपास होना सर्वोत्तम माना जाता है. सही समय पर कटाई करने से दाने झड़ने से बचते हैं और गुणवत्ता बनी रहती है. कटाई हमेशा सूखे मौसम में सुनिश्चित करें और खेत में पानी जमा न होने दें, अन्यथा फसल सड़ सकती है. अगर पारंपरिक तरीके से कटाई कर रहे हैं, तो हंसिया या दराती की मदद से जमीन से 15 से 25 सेंटीमीटर ऊपर से ही धान की कटाई करें. कटाई के लिए कंबाइन हार्वेस्टर का उपयोग करते समय भी इस बात का ध्यान रखें कि कंबाइन की फिटनेस अच्छी हो ताकि दाने टूटने न पाएं.
देर से कटाई करने पर दाने टूट सकते हैं या असमय बारिश से बालियां झड़ सकती हैं, जिससे उपज का भारी नुकसान होता है. किसान आसानी से खुद जांच कर सकते हैं कि धान पक चुका है या नहीं. इसके लिए, खेत से कुछ धान की बालियां तोड़ें और उनके दानों को नाखून से दबाकर देखें, यदि दाने दूधिया अवस्था से पूरी तरह बाहर निकल चुके हैं, यानी उनमें दूध जैसा तरल पदार्थ नहीं है, तो धान पक चुका है. यदि दाने दबाने पर नरम लगते हैं और उनमें अभी भी दूध जैसा पदार्थ निकलता है, तो धान अभी नरम है और कटाई के लिए तैयार नहीं है. अच्छा बाज़ार भाव पाने के लिए, कटाई के तुरंत बाद मड़ाई यानी थ्रेशिंग करके धान को सुखाना बहुत ज़रूरी है. थ्रेशिंग के बाद, धान को खुली जगह पर सीमेंट के फर्श या तिरपाल पर समान रूप से फैलाकर सुखाएं. ध्यान दें कि धान को बहुत तेज़ धूप में न सुखाएं क्योंकि इससे मिलिंग के दौरान चावल टूटने की संभावना बढ़ जाती है. भंडारण के लिए नमी का स्तर 12% से कम और मिलिंग के लिए 13-14% के बीच होना चाहिए.
अच्छा भाव पाने के लिए, सबसे पहले धान की गुणवत्ता को उच्च रखें. इसके लिए, धान को गहाई के बाद अच्छी तरह से साफ करें ताकि उसमें मिट्टी, कंकड़, या अन्य खरपतवार के बीज न रहें. भंडारण के समय धान को सूखे और स्वच्छ स्थान पर रखें ताकि उसमें फंगस या कीट न लगें. उच्च गुणवत्ता और सही नमी स्तर वाला धान बाज़ार में हमेशा बेहतर मूल्य दिलाता है. धान बेचने के लिए सरकारी क्रय केंद्रों पर धान की बिक्री पर विचार करें, जहां अक्सर न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) मिलता है. सरकारी केंद्रों पर बेचने के लिए नमी का स्तर और गुणवत्ता के मानक पूरे करना ज़रूरी होता है. अगर बाज़ार में बेच रहे हैं, तो कई व्यापारियों से भाव की तुलना करें और मंडी की कीमतों पर नज़र रखें. धान को तब तक भंडारण में रखें जब तक बाज़ार में मूल्य थोड़ा बढ़ न जाए, लेकिन भंडारण में नमी का उचित प्रबंधन बनाए रखें.

