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Gokhru Plant Usefulness in Various Diseases Male Fertility Bindii Tribulus terrestris | मेल फर्टिलिटी से लेकर डाइजेशन में लाता है सुझार, जरूर करें गोखरू पौधे का सेवन



कुदरत ने हमें कई ऐसे पौधों से नवाजा है जो सेहत के लिए काफी फायदेमंद होता है, ऐसा ही एक प्लांट है गोखरू, जिसके बारे में हर कोई नहीं जानता है, लेकिन ये आयुर्वेदिक औषधि से कम नहीं है. Gokhru Plant: आयुर्वेद की दुनिया में कई खजाने छिपे हुए हैं. हमारे आस-पास ऐसी कई मेडिसिनल प्लांट पाए जाते हैं, जो अलग-अलग बीमारियों में रामबाण की तरह काम करती हैं. इस तरह से गोखरू का भी एक पौधा है. गोखरू एक आयुर्वेदिक औषधि है जो वात, पित्त और कफ तीनों दोषों को बैलेंस करने में मददगार है. इसका इस्तेमाल सिरदर्द, पेशाब की समस्याएं, डाइजेस्टिव प्रॉब्लम्स, स्किन प्रॉब्लम, गठिया, पथरी और यौन समस्याओं के इलाज में किया जाता है.

कई बीमारियों में असरदार
नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन की जुलाई 2012 में छपी एक रिसर्च के मुताबिक, ये पौधा मुख्य रूप से बारिश के मौसम में उगता है और इसके फल, पत्ते और तना औषधीय रूप में उपयोग किए जाते हैं. चरक संहिता में इसे मूत्र रोग और वात रोग के उपचार में लाभकारी बताया गया है. इसके फल छोटे, कांटेदार और अनेक बीजों वाले होते हैं.

सिरदर्द में फायदेमंद
रिसर्च में पाया गया है कि 10-20 मिली गोखरू का काढ़ा सुबह-शाम लेने से सिरदर्द में लाभ होता है. इसके साथ ही यह दमा के रोग में भी काफी कारगर होता है. 2 ग्राम गोखरू चूर्ण को सूखे अंजीर के साथ लेने से दमा में राहत मिलती है.

डाइजेशन में असरदार
पाचन क्रिया सुधारने में भी गोखरू का अहम रोल है. बताया जाता है कि गोखरू का काढ़ा पीपल चूर्ण के साथ लेने से हाजमा मजबूत होता है. वहीं, गोखरू काढ़ा में मधु मिलाकर पीने से मूत्र संबंधी समस्याओं में आराम मिलता है.

जोड़ों के दर्द से राहत
इतना ही नहीं, गोखरू जोड़ों के दर्द में काफी तेजी से काम करता है. गोखरू के फल के काढ़े का सेवन करने से जोड़ों के दर्द में आराम मिलता है. रिसर्च में बताया गया है कि यह पुराने से पुराने गठिया रोग को भी ठीक करता है.

किडनी स्टोन में आ सकता है काम
इसके साथ ही पथरी की समस्या में गोखरू को बेहतर इलाज माना गया है. रोजाना गोखरू चूर्ण को शहद के साथ लेने से पथरी बाहर निकलने में मदद मिलती है. वहीं, गोखरू को पानी में पीसकर लगाने से खुजली और दाद में राहत मिलती है.

मेल फर्टिलिटी में सुधार
इसके अलावा, गोखरू दूध में उबालकर पीने से स्पर्म काउंट और गुणवत्ता में सुधार होता है और गोखरू पंचांग यानि इसके जड़, तने, पत्ती, फूल और फल से बना काढ़ा पीने से बार-बार होने वाले बुखार में राहत मिलती है.(इनपुट-आईएएनएस)Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.



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