Uttar Pradesh

गन्ने में दिख रहे ऐसे लक्षण तो हो जाएं सावधान, वरना पूरी फसल हो जाएगी चौपट, फिर मलते रह जाएंगे हाथ

गन्ने में दिख रहे ऐसे लक्षण तो हो जाएं सावधान, वरना पूरी फसल हो जाएगी चौपट

भारत एक कृषि प्रधान देश है, जहां 55 प्रतिशत आबादी आज भी कृषि कार्यों में लगी हुई है. गन्ना एक नगदी फसल है, जिसकी खेती सुल्तानपुर जिले में बड़े एरिया में की जाती है. ऐसे में जो किसान गन्ने की खेती कर रहे हैं और कुछ ऐसे लक्षण दिख रहे हैं जो उनके पौधों को सुखा रहे हैं तो सावधान हो जाने की जरूरत है. वरना काफी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है.

गन्ने पर जब तेज धूप पड़ती है तो फसल का ऊपरी हिस्सा सूखने लगता है और गन्ने की बढ़ने की दर कम हो जाती है. यदि समय रहते इस सूखे रोग का उपचार न किया जाए तो पूरी फसल खराब हो सकती है. गन्ने की फसल को इस सूखा रोग से बचाने के लिए कई तरह की दवाओं का छिड़काव करना चाहिए. अगर इससे अच्छा मुनाफा कमाना है तो उपज का हासिल होना जरूरी हो जाता है. इसलिए गन्ने का पूर्ण विकास और उसकी मोटाई का ज्यादा होना जरूरी है.

जब गन्ने में सूखा रोग लग जाता है तो गन्ने की लंबाई और मोटाई में बढ़ोत्तरी होना बंद हो जाती है और कुछ समय बाद फसल सूख जाती है. इस स्थिति में किसानों को काफी घाटा होता है. गन्ने को इस रोग से बचाने के लिए फसल की नियमित देखभाल करना बेहद जरूरी होता है.

कृषि वैज्ञानिक डॉ. एके सिंह के अनुसार, जब गन्ने के ऊपरी भाग में यह रोग लगता हुआ दिखाई देने लगे तो सिंचाई दिन की बजाय शाम को करनी चाहिए और इमिडाक्लोप्रिड का 200 लीटर पानी में घोल बनाकर गन्ने की फसल पर शाम को सिंचाई के साथ कम से कम दो बार छिड़काव करना चाहिए. इससे फसल में लग रहा सूखा रोग खत्म हो जाएगा और गन्ना सही तरीके से विकसित होगा.

जब गन्ने की फसल में इस सूखे रोग के लक्षण दिखाई देने लगें तब बिना किसी देरी के इस रोग के निवारण हेतु कृषि विशेषज्ञ के पास जाकर सलाह लेनी चाहिए और इसके निराकरण का उपाय करना चाहिए.

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