उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए एक बड़ा फैसला किया है. सरकार ने गन्ने के मूल्यों में बढ़ोतरी की है. उत्तर प्रदेश का लखीमपुर खीरी जिला गन्ना उत्पादन के लिए पूरे देश में प्रसिद्ध है. यहां के अधिकांश किसान गन्ने की खेती को अपनी मुख्य आजीविका मानते हैं. इसीलिए खीरी जनपद को चीनी का कटोरा कहा जाता है. यहां की 80% आबादी आज भी गन्ने की खेती पर निर्भर है.
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने पंचायत चुनाव से पहले गन्ना किसानों को बड़ी सौगात दी है. सरकार ने गन्ने के मूल्य में बढ़ोत्तरी की घोषणा की है. गन्ने के मूल्य में प्रति कुंतल 30 रुपये की बढ़ोत्तरी की गई है. नई घोषणा के अनुसार अब अगेती प्रजाति के गन्ने का मूल्य 400 रुपये प्रति कुंतल तथा सामान्य प्रजाति के गन्ने का मूल्य 390 रुपये प्रति कुंतल किया गया है. प्रदेश सरकार के इस फैसले को गन्ना किसानों के लिए बड़ी राहत के तौर पर देखा जा रहा है. यह घोषणा पेराई सत्र 2025-26 के लिए की गई है. गन्ना मूल्य वृद्धि से किसानों को 3000 करोड़ रुपये का अतिरक्ति भुगतान किया जाएगा.
लखीमपुर खीरी के किसान बरखतुल्लाह खान ने इस फैसले को अहम बताया है. उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने के लिए ₹30 प्रति कुंतल के हिसाब से गन्ने के मूल्यों में बढ़ोतरी की है. जिससे गन्ने किसानों को लाभ मिलेगा. उन्होंने प्रदेश सरकार से अपील भी की है कि आने वाले दिनों में गन्ने का मूल्य ₹450 प्रति कुंतल के हिसाब से प्रदेश सरकार कर दे.
गन्ने का मूल्य बढ़ने से किसानों को लाभ होगा, लेकिन कुछ किसानों का मानना है कि यह बढ़ोतरी कम है. बरखतुल्लाह खान के अलावा किसान अंजनी कुमार दीक्षित ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने बताया कि खाद पर भी लगातार पैसे बढ़ाए जा रहे हैं. प्रदेश सरकार ने ₹30 बढ़कर ऊंट के मुंह में जीरा डालने का काम किया है. किसानों ने कहा कि प्रदेश सरकार किसानों के मामले में फेल नजर आ रही है. कम से कम गन्ने का मूल ₹400 प्रति कुंतल के हिसाब से होना चाहिए जिससे किसानों की लागत निकल सके. अंजनी दीक्षित ने जानकारी देते हुए बताया कि बजाज चीनी मिल गोला द्वारा समय पर गन्ने का भुगतान भी नहीं होता है. प्रदेश सरकार ने जो ₹30 की बढ़ोतरी की है. यह एक अहम फैसला है इस फैसले से हम सभी किसान बेहद खुश हैं. आने वाले दिनों में प्रदेश सरकार गन्ने का मूल्य₹500 प्रति कुंतल के हिसाब से कर दे जिससे किसानों को और लाभ हो सके.
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमनदीप सिंह संधूरा ने भी इस फैसले पर अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि डीज़ल, खाद, बिजली, मजदूरी और खेती के बढ़ते खर्चों को देखते हुए किसानों को उम्मीद थी. गन्ने का मूल्य कम से कम ₹450 प्रति क्विंटल तय किया जाएगा साथ ही, बजाज हिंदुस्तान शुगर मिलों सहित सभी मिलों का भुगतान 14 दिनों के भीतर सुनिश्चित किया जाए. किसानों को अपनी उपज का उचित मूल्य समय पर मिल सके.

