मथुरा: हिंदू धर्म में प्रत्येक देवी-देवता के पूजा-पाठ से संबंधित नियम अलग-अलग बताए गए हैं. प्रत्येक व्यक्ति अपनी श्रद्धा के अनुसार अपने-अपने इष्ट देव की पूजा-अर्चना करता है. आज हम लड्डू गोपाल जी की पूजा से जुड़े कुछ नियमों की बात करने जा रहे हैं. माना जाता है कि लड्डू गोपाल जी की पूजा में कुछ नियमों का ध्यान रखा जाए तो इससे घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है.
लड्डू गोपाल की गर्मी में कैसे करें सेवा, जान लें ये नियम
लड्डू गोपाल को मौसम के अनुसार ही वस्त्र पहनाने चाहिए. गर्मियों में सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद घंटी बजाकर लड्डू गोपाल को उठाएं. स्नान करवाने के बाद लड्डू गोपाल को हल्के और आरामदायक वस्त्र पहनाएं. ज्योतिषाचार्य पं.अजय कुमार तैलंग से जब लोकल 18 की टीम ने लड्डू गोपाल की गर्मी की सेवा के बारे में बात कि तो उन्होंने बताया कि शृंगार के दौरान इस बात का भी ध्यान रखें कि उनके आभूषण ज्यादा भारी न हो. पंडित जी का कहना है कि भगवान की सेवा बाल रूप में की जाती है जैसे, बाल अवस्था में बच्चे को रखा जाता है उसी प्रकार से भगवान लड्डू गोपाल की सेवा है.
क्या है नियम
कहा जाता है कि अगर विधि-विधान से लड्डू गोपाल की सेवा की जाए, तो इससे जीवन में सुख-समृद्धि का वास होता है. लड्डू गोपाल की सेवा के दौरान कई नियमों का भी ध्यान रखा जाता है, ताकि पूजा का पूर्ण फल प्राप्त हो सके. लड्डू गोपाल को मौसम के अनुसार ही वस्त्र पहनाने चाहिए. गर्मियों में सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद घंटी बजाकर लड्डू गोपाल को उठाएं. स्नान करवाने के बाद लड्डू गोपाल को हल्के और आरामदायक वस्त्र पहनाएं.
गोपाल जी के शृंगार के दौरान इन बातों का भी रखें विशेष ध्यान
शृंगार के दौरान इस बात का भी ध्यान रखें कि उनके आभूषण ज्यादा भारी न हो. लड्डू गोपाल को गोपी चंदन का तिलक लगाएं. इसी के साथ आप इत्र का भी इस्तेमाल कर सकते हैं. ये चीजें शीतलता प्रदान करती हैं. गर्मी के मौसम में आप लड्डू गोपाल को माखन-मिश्री का भोग लगा सकते हैं. इसी के साथ मौसमी फल और जूस आदि का भोग भी लगाया जा सकता है. भोग लगाने के बाद लड्डू गोपाल के पास ठंडा पानी भी जरूर भरकर रखें. साथ ही इस बात का खासतौर से ध्यान रखें कि लड्डू गोपाल के भोग में तुलसी जल जरूर शामिल करें, क्योंकि इसके बिना उनका भोग अधूरा माना जाता है.
ऐसे करें लड्डू गोपाल का पंचामृत महाभिषेक
लड्डू गोपाल जी को स्नान करने के लिए पंचामृत सबसे उत्तम माना गया है. पंचामृत बनाने के लिए दूध, दही, शहद, गंगाजल और घी को शंख में डालकर स्नान कराने के बाद लड्डू गोपाल जी को साफ-सुथरे वस्त्र पहनाएं. लड्डू गोपाल जी के वस्त्र रोज बदलने चाहिए. वस्त्र पहनाने के बाद उनके हाथ में बांसुरी दें और सिर पर मोर पंख भी धारण कराएं, क्योंकि इन चीजों के बिना भगवान कृष्ण का शृंगार अधूरा माना जाता है. साथ ही आप उन्हें बाजूबंद और कुंडल भी पहना सकते हैं. पंडित गौरांग शर्मा ने लड्डू गोपाल की पूजा के नियम के बारे में लोकल 18 को जानकरी देते हुए कहा की लड्डू गोपाल की सेवा बाल रूप में की जाती है. गोपाल जी को बच्चे की तरह देखभाल करते हैं. भगवान की सेवा के बहुत ही कठिन नियम हैं.