घर भी बहे, ज़मीन भी गई…शारदा नदी ने छीन लिया सबकुछ! तराई के गांवों में तबाही का जैसा मंजर

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घर भी बहे, ज़मीन भी गई...शारदा नदी ने छीन लिया सबकुछ! तराई के गांवों में तबाही

Last Updated:July 11, 2025, 22:13 ISTLakhimpur Kheri News: उत्तराखंड की बारिश और बनबसा बैराज से छोड़े गए पानी से यूपी के तराई इलाकों में शारदा नदी उफान पर है. खीरी और गोला तहसील में कटान से कई मकान और हजारों एकड़ जमीन नदी में समा गए हैं. हाइलाइट्सशारदा नदी का जलस्तर बढ़ने से यूपी के तराई क्षेत्रों में भारी कटान है.खीरी के घोसियाना गांव में दो मकान नदी में समा गए हैं.गोला तहसील के करसौर गांव में अब तक 4 मकान शारदा नदी में समा चुके हैं.लखीमपुर खीरी: पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश और बनबसा बैराज से छोड़े गए पानी ने तराई के गांवों में तबाही मचा दी है. शारदा नदी का जलस्तर खतरे के निशान के पार जा पहुंचा है और इसका सीधा असर गांवों पर पड़ रहा है. शारदा नदी का तेज बहाव और कटान कई गांवों की खुशहाली को अपने साथ बहा ले गया है.

फूलबेहड़ ब्लॉक के घोसियाना गांव में शारदा नदी एक बार फिर तबाही का सबब बन गई. गांव के रहने वाले निसार अली का मकान देखते ही देखते नदी में समा गया. निसार और उनका परिवार अब खुले आसमान के नीचे जिंदगी काटने को मजबूर है. इससे पहले भी इस गांव में एक और घर नदी में समा चुका है, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था.

पिछले साल भी हो गए थे ऐसे हालात
ग्राम प्रधान ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि प्रशासन को कटान की जानकारी पहले ही दी गई थी. उन्होंने कहा कि पिछले साल भी ऐसे ही हालात बने थे जब कई मकान और हजारों एकड़ खेती योग्य जमीन नदी में समा गई थी, लेकिन अभी तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई.

करसौर गांव में भी बढ़ा खतरागोला तहसील क्षेत्र के करसौर गांव की हालत भी कुछ अलग नहीं है. यहां भी शारदा नदी का कटान तेजी से जारी है. अब तक चार मकान नदी में समा चुके हैं. गांव वालों की रातें दहशत में कट रही हैं. लोगों का कहना है कि हर साल यही हाल होता है लेकिन प्रशासन सिर्फ दिखावे की कार्रवाई करके पीछे हट जाता है.

शारदा नदीं का हो गया है खतरनाक रुख
बेचे पुरवा गांव के पास भी शारदा नदी का रुख खतरनाक हो गया है. नदी अब कृषि युक्त जमीन को निगल रही है. इससे किसान बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं. कई परिवारों की आजीविका केवल खेती पर निर्भर थी, जो अब पूरी तरह खतरे में है.

प्रशासन पर उठ रहे सवालग्रामीणों का आरोप है कि प्रशासन हर साल निरीक्षण करता है, रिपोर्ट बनाता है लेकिन जमीनी स्तर पर कोई ठोस काम नहीं होता. पिछले साल आई बाढ़ में गोला तहसील का नयापुरवा और चकपुरवा गांव पूरी तरह नदी में समा गया था. वहां के लोग आज भी बंधों पर झोपड़ियां डालकर जीवन काट रहे हैं.

बरसात के मौसम में खीरी जिले के लिए शारदा और घाघरा नदियां हमेशा से मुसीबत बनती आई हैं. लेकिन इस बार हालत कुछ ज्यादा ही खराब हैं. ग्रामीणों को न तो राहत मिल रही है, न ही सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने की कोई व्यवस्था हो रही है.Location :Lakhimpur,Kheri,Uttar Pradeshhomeuttar-pradeshघर भी बहे, ज़मीन भी गई…शारदा नदी ने छीन लिया सबकुछ! तराई के गांवों में तबाही

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