हजारों सालों से ही भारत में देसी घी को ताकत बढ़ाने और बीमारियों से दूर रहने का एक बेहतरीन उपाय माना जाता है. घी का सेवन करने से कमजोरी दूर होती है. इसके अलावा, आयुर्वेद में घी को कब्ज और पित्त डिसऑर्डर जैसी बीमारियों का रामबाण इलाज माना गया है. कुछ लोग सुबह खाली पेट घी खाना पसंद करते हैं क्योंकि यह पाचन बढ़ाने में मदद करता है. लेकिन क्या सच में खाली पेट घी खाना चाहिए?
इसके बारे में आयुर्वेदिक एक्सपर्ट डॉ. रेखा राधामोनी का कहना है कि खाली पेट घी नहीं खाना चाहिए. घी एक भारी फूड है, जिसे पचाने में शरीर को काफी मेहनत करनी पड़ती है. घी में पाया जाने वाला लैक्टोन, आंत को नुकसान पहुंचा सकता हैं. इसे तरह से न पचने पर यह पेट खराब कर सकता है और मल से भयंकर बदबू आ सकती है, जिसे स्टीटोरिया भी कहते हैं.डिहाइड्रेशन और हार्ट अटैक का खतराकई अध्ययन में स्टीटोरिया, हिडाइड्रेशन और हार्ट फेलियर के बीच लिंक देखा गया है. अध्ययनों के मुताबिक, घी ना पचने पर डिहाइड्रेशन की समस्या हो सकती है. इतना ही नहीं, अगर यही स्थिति बनी रही तो आगे चलकर दिल का दौरा भी पड़ सकता है.
कब खाना चाहिए घी?आयुर्वेद के अनुसार, भोजन करने के बाद घी खाना सबसे अच्छा होता है. भोजन के बाद घी खाने से पाचन शक्ति बढ़ती है और भोजन आसानी से पच जाता है. इसके अलावा, घी के सेवन से शरीर को ऊर्जा भी मिलती है. यदि आप घी का सेवन करना चाहते हैं, तो इसे सुबह खाली पेट न खाएं. भोजन के बाद घी खाना सबसे अच्छा होता है.
दूध के साथ घी खाने के फायदेदूध और घी दोनों ही स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद होते हैं. दूध प्रोटीन, कैल्शियम, विटामिन डी और अन्य पोषक तत्वों का एक अच्छा सोर्स है. घी में सैचुरेटेड फैट, मोनोअनसैचुरेटेड फैट और पॉलीअनसेचुरेटेड फैट होते हैं. दूध और घी के साथ सेवन से पाचन में सुधार, इम्यूनिटी बूस्ट, हड्डियां मजबूत, स्किन हेल्दी और शरीर को एनर्जी मिलती है.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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