गाजियाबाद में हवा फिर से खराब श्रेणी में आ गई है। सुबह के समय शहर में धुंध की मोटी परत छाई रही और सड़कों पर कम लोग देखे गए। लोगों ने बताया कि सुबह की ठंडी हवा अब भारी और दमघोंटू महसूस हो रही है, जिससे आंखों में जलन और सांस लेने में तकलीफ हो रही है।
गाजियाबाद में आज सुबह 6 बजे लोनी इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 315 दर्ज किया गया, जो बहुत खराब श्रेणी में आता है। हालांकि, शहर के कुछ अन्य इलाकों में थोड़ी राहत देखने को मिली है। संजय नगर में AQI 245, वसुंधरा में 240 और इंदिरापुरम में 292 दर्ज किया गया, जो खराब श्रेणी में आते हैं लेकिन लोनी की तुलना में कुछ बेहतर स्थिति दर्शाते हैं।
डॉक्टरों ने लोगों से सावधानी बरतने की अपील की है। उनका कहना है कि सुबह और शाम के वक्त हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा सबसे ज्यादा होती है, इसलिए इन घंटों में बिना जरूरी काम के बाहर निकलने से बचें। बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या एलर्जी से पीड़ित लोगों को खास ध्यान रखना चाहिए। डॉक्टरों का कहना है कि मास्क लगाए बिना घर से नहीं निकलें, साथ ही घर के अंदर एयर प्यूरीफायर लगाना, पौधे रखना और पानी ज्यादा पीना प्रदूषण के दुष्प्रभावों से बचा सकता है।
प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक्शन तेज किया गया है। जिला प्रशासन ने देहात क्षेत्रों में चल रही प्रदूषण फैलाने वाली फैक्ट्रियों पर कार्यवाही शुरू कर दी है। नगर निगम की टीमों द्वारा सड़कों पर नियमित रूप से पानी का छिड़काव कराया जा रहा है, ताकि उड़ती धूल पर कुछ हद तक नियंत्रण रखा जा सके। इसके अलावा खुले में कूड़ा या पत्तियां जलाने वालों पर निगरानी बढ़ाई गई है।
लोगों को खुद करना होगा सहयोग। नगर निगम अधिकारियों ने कहा है कि शहर में प्रदूषण घटाने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। हालांकि, जब तक लोग खुद सहयोग नहीं करेंगे तब तक स्थिति में सुधार मुश्किल है। विशेषज्ञों के मुताबिक निजी वाहनों का कम उपयोग सार्वजनिक परिवहन का सहारा लेना और निर्माण स्थलों पर ढकाव करना प्रदूषण को घटाने के सबसे असरदार उपाय हैं।

