Uttar Pradesh

गाजियाबाद समाचार : आज से दिल्ली में BS-3 वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध? क्या निजी वाहनों पर लागू होगा GRAP-2 का नियम

दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण के बीच आज से ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP-2) लागू हो गया है। इसे कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) द्वारा तैयार किया गया है। दिल्ली में बढ़ते प्रदूषण के कारण सरकार ने ग्रेप-2 लागू करने का फैसला किया है। इस प्रतिबंध के तहत दिल्ली में बीएस-3 (भारत स्टेज-3) या इससे पुराने मानक वाले सभी कमर्शियल मालवाहक वाहनों की एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी जाएगी।

गाजियाबाद प्रशासन ने भी सख्त कदम उठाया है। आज से दिल्ली में बीएस-3 या इससे पुराने मानक वाले सभी कमर्शियल मालवाहक वाहनों की एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी जाएगी। गाजियाबाद के आरटीओ मनोज कुमार मिश्रा ने बताया कि यह फैसला दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में लगातार बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लिया गया है।

इस प्रतिबंध के तहत बीएस-4 (भारत स्टेज-4) मानक वाले वाहन, सीएनजी (सीएनजी), एलएनजी (एलएनजी) और ईवी (इलेक्ट्रिक वाहन) को ही दिल्ली में प्रवेश की अनुमति मिलेगी। इसके मद्देनज़र दिल्ली से सटे सभी बॉर्डरों, जैसे गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह से ही दिल्ली पुलिस और ट्रैफिक पुलिस की तैनाती की गई है। पुलिसकर्मी हर वाहन की जांच कर रहे हैं और जो वाहन बीएस-3 श्रेणी के पाए जा रहे हैं, उन्हें दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जा रही है।

आने वाले दिनों में सख्त एक्शन
आने वाले दिनों में नियम तोड़ने वालों पर चालान या ज़ब्ती की कार्रवाई भी की जाएगी। सरकार का यह कदम दिल्ली की हवा को राहत देने और प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है।

इन वाहनों को मिलेगी छूट
वाहनों की नो एंट्री का यह नियम मुख्य रूप से कमर्शियल और मालवाहक वाहनों पर लागू होगा। निजी वाहनों के लिए फिलहाल किसी नई पाबंदी की घोषणा नहीं की गई है। हालांकि, अधिकारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में निजी डीजल वाहनों पर भी निगरानी और सख्ती बढ़ाई जा सकती है।

जो वाहन जरूरी सेवाओं या आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति में लगे हैं और अभी बीएस-4 मानक के अनुरूप नहीं हैं, उन्हें 31 अक्टूबर 2026 तक अस्थायी छूट दी गई थी। इसके बाद ऐसे सभी वाहनों को सीएनजी, एलएनजी, इलेक्ट्रिक या बीएस-4 डीजल इंजन में बदलना अनिवार्य होगा। यह कदम बढ़ते प्रदूषण पर लगाम लगाने और हवा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से उठाया गया है।

क्या है ग्रेप-2 ?
ग्रेप-2 (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान – चरण 2) दिल्ली-एनसीआर में बढ़ते वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए लागू की जाने वाली दूसरी स्तर की कार्ययोजना है। इसे कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) द्वारा तैयार किया गया है। जब वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) बहुत खराब यानी 301 से 400 के बीच पहुंच जाता है, तब यह चरण लागू किया जाता है। इसके तहत कई सख्त कदम उठाए जाते हैं, जैसे कि डीजल जनरेटरों पर रोक (जरूरी सेवाओं को छोड़कर), निर्माण कार्यों पर नियंत्रण, सड़कों पर पानी का छिड़काव और सफाई, और बीएस-3 पेट्रोल व बीएस-4 डीजल वाहनों की एंट्री पर प्रतिबंध। साथ ही, सार्वजनिक परिवहन और कारपूलिंग को बढ़ावा दिया जाता है ताकि सड़कों पर वाहनों की संख्या कम हो और प्रदूषण में कमी आए।

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