रिपोर्ट – विशाल झा
गाजियाबाद. यूपी के गाजियाबाद के कौशांबी के इलाके की तीन सोसाइटी में रहने वाले लोगों के गले से पानी नीचे नहीं उतर रहा है. दरअसल यहां की तीन कॉलोनी कामदगिरी, विंध्याचल और सुमेरु टावर से पानी का सैंपल जांच के लिए भेजा गया था, जो कि भूमिगत पानी के तय मानक से भी ज्यादा दूषित है. इसके बाद तीनों सोसाइटी के लोगों की सांसें अटकी हुई हैं.
गौरतलब है कि कौशांबी अपार्टमेंट रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन ने पानी के सैंपल जांच के लिए लैब भेजे थे, जिसमें क्लोराइड की मात्रा दोगुना और टीडीएस की मात्रा 4 गुना पाई गई है. पानी में अशुद्धता इतनी ज्यादा मात्रा में है कि लोगों को कई तरह की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियों होने लगी हैं.
शिकायत के बाद भी सुनवाई नहींसोसाइटी वालों का कहना है कि यहां का पानी पीने से शरीर में सोडियम, पोटैशियम और क्लोराइड का संतुलन बिगड़ने से कई तरीके की समस्याएं हमारे सामने आती हैं. इंडस्ट्रियल प्रदूषण के कारण ग्राउंड वाटर में हेवी मेटल आदि की मात्रा बढ़ गई है. इस समस्या को लेकर गाजियाबाद नगर निगम को कई बार चिट्ठी लिखने के साथ मेल भी कर चुके हैं, लेकिन कोई भी जवाब नहीं मिला.
कैंसर का सबसे ज्यादा खतराNEWS 18 LOCAL से बात करते हुए ईएनटी स्पेशलिस्ट डॉ बीपी त्यागी ने बताया कि ऐसा गंदा पानी पीने से मुंह में छाला पड़ जाता है, जिसके बाद वह कैंसर का रूप ले लेता है. ऐसे पानी का लगातार सेवन किडनी में भी सूजन की समस्या आ जाती है.
प्यासा है कौशांबी!पानी की खराबी के कारण अब यहां पानी सप्लाई की जरूरत आन पड़ी है, लेकिन एक समस्या ये भी है कि गाजियाबाद नगर निगम द्वारा सप्लाई किया जा रहा पानी काफी कम पड़ रहा है. दरअसल शहरी क्षेत्र में 300 एमएलडी गंगा वाटर की आवश्यकता है. जबकि गाजियाबाद नगर निगम को 55 एमएलडी वाटर ही मिलता है. ऐसे में सबसे बड़ी समस्या ये है कि लोग पानी के बिना कैसे रहेंगे.ब्रेकिंग न्यूज़ हिंदी में सबसे पहले पढ़ें News18 हिंदी | आज की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट, पढ़ें सबसे विश्वसनीय हिंदी न्यूज़ वेबसाइट News18 हिंदी |Tags: Cancer, Drinking water crisis, Ghaziabad NewsFIRST PUBLISHED : August 16, 2022, 12:10 IST



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