Uttar Pradesh

गाजियाबाद फ्लड ग्राउंड रिपोर्ट: साहब रोटी और छत दोनों छिन गई… हथिनी कुंड से पानी छोड़े जाने के बाद गाजियाबाद के लोनी में भयंकर तबाही, यहां बिगड़ रहे हैं लगातार हालात

गाजियाबाद के लोनी में यमुना ने मचाई तबाही, यहां बाढ़ से हालात हुए बद से बदतर

गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में हथिनी कुंड बैराज से छोड़े गए पानी के कारण बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है. यमुना का जलस्तर खतरे के निशान को पार कर गया है, जिससे नदी किनारे बसे गांवों में पानी घुसने से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश और हरियाणा के हथिनी कुंड बैराज से लगातार छोड़े जा रहे पानी ने गाजियाबाद के लोनी क्षेत्र में बाढ़ का संकट खड़ा कर दिया है. सोमवार सुबह हथिनी कुंड बैराज से छोड़ा गया करीब तीन लाख 21 हजार क्यूसेक पानी लोनी तक पहुंच गया, जिससे खादर क्षेत्र में हालात बिगड़ने लगे हैं. यमुना का जलस्तर गाजियाबाद में 212 मीटर के खतरे के निशान को पार कर गया है और नदी किनारे बसे गांवों में पानी घुसने से लोगों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.

बढ़ते पानी ने लोगों की ज़िंदगी को बनाया मुश्किल

लोनी के इलायचीपुर, हरमपुर, बदरपुर और पचायरा जैसे गांवों के खेत जलमग्न हो चुके हैं. ग्रामीणों का कहना है कि लगातार बढ़ते पानी ने उनकी ज़िंदगी को बेहद मुश्किल बना दिया है. कई घरों और आंगनों में पानी भर गया है. लोग अपना सामान सुरक्षित स्थानों पर ले जाने की कोशिश कर रहे हैं. जिनके घर पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं वे पुश्तों पर शरण लेने को मजबूर हैं.

लगातार बिगड़ते जा रहे हैं हालात

लोग बताते हैं कि पिछले कुछ दिनों से हालात बिगड़ते जा रहे हैं. घर छोड़कर बाहर डेरा डालना पड़ा है. बच्चे और बुजुर्ग खुले आसमान के नीचे रातें गुज़ार रहे हैं. मजदूरी करने वाले लोगों की रोज़ी-रोटी ठप हो गई है, मवेशी भी सड़क किनारे बंधे हैं. खाने-पीने की सबसे बड़ी समस्या है. प्रशासन ने टैंकर से पानी की व्यवस्था की है लेकिन ज़रूरतें इससे कहीं ज़्यादा हैं.

पुलिस, प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें तैनात

खेतों में खड़ी फसल पूरी तरह डूब चुकी है. पशुओं के लिए चारे का संकट गहराता जा रहा है. ग्रामीणों का दर्द है कि बारिश और बैराज से छोड़े गए पानी ने उनकी मेहनत और रोज़गार को छीन लिया है. बाढ़ के खतरे को देखते हुए पुलिस, प्रशासन और एनडीआरएफ की टीमें तैनात कर दी गई हैं. राहत और बचाव कार्य के लिए नाव और गोताखोरों की भी व्यवस्था की गई है. तटबंधों की लगातार निगरानी की जा रही है और जहां मिट्टी कटान से गड्ढे बने हैं वहां मरम्मत का काम कराया जा रहा है.

सतर्क रहें और नदी के पास न जाएं

प्रशासन ने यमुना किनारे बसे गांवों में लोगों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और नदी के पास न जाएं. बाढ़ प्रभावित परिवारों की सूची तैयार की जा रही है. 12 शरण स्थल बनाए गए हैं जहां भोजन और पानी की व्यवस्था की गई है. पुश्तों पर शरण लेने वालों के लिए भी पानी के टैंकर भेजे जा रहे हैं.

You Missed

MoEFCC seeks four weeks' time to review responses of Uttarakhand, Himachal on protection of Himalayas
Top StoriesSep 4, 2025

मंत्रालय ने उत्तराखंड और हिमाचल के हिमालय की सुरक्षा के प्रति प्रतिक्रियाओं की समीक्षा के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है

भारत के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) ने राष्ट्रीय हरित अदालत (NGT) से उच्च हिमालय को…

अब कई बड़े एग्जाम की हो पाएगी आसानी से तैयारी, एआई बॉक्स 'पाई' दिलाएगा सफलता
Uttar PradeshSep 4, 2025

अब आईआईटी से लेकर पीसीएस तक कई बड़े एग्जाम की हो पाएगी आसानी से तैयारी, एआई बॉक्स ‘पाई’ दिलाएगा सफलता..यहां जानें कैसे करता है काम

प्रयागराज: फिजिक्स वाला के संस्थापक अलख पांडेय ने स्कूल के बच्चों की पढ़ाई के लिए एआई पाई (π)…

If betrayed over Maratha quota, we will make them bite the dust in polls: Jarange
Top StoriesSep 4, 2025

माराठा आरक्षण के मामले में धोखा दिए जाने की स्थिति में हम चुनावों में उन्हें अपना गुरुत्वाकर्षण बनाने के लिए मजबूर करेंगे: जारांगे

महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण का मुद्दा अभी भी जारी है। कोंकण क्षेत्र के मराठाओं को अभी भी आरक्षण…

Meghalaya launches Autumn Calendar 2025 unveiling stellar line-up of festivals
Top StoriesSep 4, 2025

मेघालय ने 2025 के प्राकृतिक त्यौहार कैलेंडर का अनावरण किया जिसमें तार्किक त्यौहारों की एक शानदार श्रृंखला का प्रदर्शन किया

मेघालय सरकार ने आधिकारिक तौर पर 2025 का शरद ऋतु कैलेंडर लॉन्च किया है, जिसमें एक शानदार फेस्टिवल…

Scroll to Top