Gautam Gambhir Press Conference: भारतीय क्रिकेट टीम ने इंग्लैंड दौरे की शुरुआत हार के साथ की है. टीम इंडिया को लीड्स के हेडिंग्ले में खेले गए पहले मुकाबले में मेजबान इंग्लैंड ने 5 विकेट से हरा दिया. उसने सीरीज में 1-0 की बढ़त हासिल कर ली है. अब दूसरा मुकाबला 2 जुलाई से एजबेस्टन में खेला जाएगा. पहले टेस्ट में हार के बाद कोच गौतम गंभीर प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवालों का सामना करने आए. वह इस दौरान पूछे गए तीखे सवालों पर कई बार भड़क भी गए. गंभीर ने हार के बाद कई बहाने बनाए और गोल मटोल जवाब देकर पल्ला झाड़ते हुए नजर आए. टीम के निचले क्रम के खिलाड़ियों के खराब बल्लेबाजी प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर गंभीर ने तुरंत ही पत्रकार को बीच में टोक दिया और जवाब देने लगे. उन्होंने कहा, ”सबसे पहले मैं आपको बता दूं कि ऐसा नहीं था कि वे खुद को लागू नहीं कर रहे थे.” भारत के 8 से 11 नंबर के खिलाड़ियों ने दोनों पारियों में कुल मिलाकर सिर्फ 9 रन का योगदान दिया था.
किसी को दोषी नहीं ठहरा रहे गंभीर
गंभीर ने आगे कहा, ”कभी-कभी लोग असफल हो जाते हैं और यह ठीक है. मुझे पता है कि यह निराशाजनक है और इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि मुझे लगता है कि वे किसी और से ज्यादा निराश हैं. क्योंकि वे जानते थे कि हमारे पास अवसर था. अगर हम पहली पारी में 570, 580 तक पहुंच गए होते तो हम वहां से हावी हो सकते थे.” गंभीर ने किसी भी खिलाड़ी को अकेले दोषी ठहराने या कुछ सितारों के खराब प्रदर्शन पर उंगली उठाने से इनकार कर दिया. उनका कहना है कि सभी एक साथ जीतते हैं और एक साथ हारते हैं.
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‘सीखने को मिला होगा’
गंभीर ने कहा, ”ऐसा नहीं है कि वे नेट्स में भी कड़ी मेहनत नहीं कर रहे हैं. कभी-कभी ऐसा होता है, यहां तक कि शुद्ध बल्लेबाज भी असफल हो जाते हैं. इसलिए उम्मीद है कि उन्हें सीखने को मिला होगा और उम्मीद है कि हम अपने निचले क्रम से बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे. ईमानदारी से कहूं तो टेस्ट मैच हारने का यही एकमात्र कारण नहीं था. ऐसे अन्य क्षण भी थे जहां हम टेस्ट मैच जीत सकते थे. मैं यहां बैठकर यह नहीं कहने वाला हूं कि यह निचले क्रम के कारण है या निचला क्रम योगदान नहीं दे सका या 8, 9, 10, 11 योगदान नहीं दे सके. हम एक साथ हारते हैं, हम एक साथ जीतते हैं.”
गंभीर ने किया शार्दुल ठाकुर का बचाव
शार्दुल ठाकुर के प्रदर्शन के बारे में पूछे जाने पर गंभीर ने कहा कि उन्हें एक स्पेशलिस्ट गेंदबाज के रूप में नहीं बल्कि एक गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में टीम में लाया गया था. गंभीर ने कहा, “सबसे पहले उन्हें एक विशेषज्ञ गेंदबाज के रूप में नहीं बल्कि एक गेंदबाजी ऑलराउंडर के रूप में लाया गया था. कभी-कभी कप्तान अपनी प्रवृत्ति के साथ जाता है. शार्दुल का थोड़ा कम इस्तेमाल किया गया, लेकिन इसका कारण शायद यह था कि रवींद्र जडेजा ने वास्तव में अच्छी गेंदबाजी की, इसलिए हमने सोचा कि जडेजा हमें नियंत्रण देंगे. शार्दुल ने हमें दो महत्वपूर्ण विकेट दिलाए. इसलिए मैं यहां बैठकर यह नहीं कहने वाला हूं कि इस खिलाड़ी ने अच्छी गेंदबाजी नहीं की या उस खिलाड़ी ने अच्छी गेंदबाजी की. शार्दुल ने हमें दो महत्वपूर्ण विकेट दिलाए, जिससे हम खेल में वापस आ गए, मुझे लगता है कि हमें सिर्फ अधिक सुसंगत होना होगा. यही अधिक महत्वपूर्ण है और ये लड़के सीखेंगे.”
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शुभमन गिल की कप्तानी पर गंभीर का बयान
भारत के मुख्य कोच से शुभमन गिल की कप्तानी के बारे में भी पूछा गया. गंभीर ने कहा कि गिल में शुरुआती झटके के बावजूद एक सफल कप्तान बनने के लिए आवश्यक हर गुण है. गंभीर ने कहा, “पहला टेस्ट मैच था. जाहिर तौर पर घबराहट होती है. यह एक बड़ा सम्मान है, जैसा कि उन्होंने पहले ही उल्लेख किया है. बहुत से लोगों को वह अवसर नहीं मिलता है और वह असाधारण थे. इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि जिस तरह से उन्होंने पहली पारी में बल्लेबाजी की. मुझे यकीन है कि कप्तान होने के नाते उन्हें अपनी घबराहट हुई होगी और फिर शतक बनाना…उनके पास एक सफल कप्तान बनने के लिए सब कुछ है, लेकिन हमें उन्हें समय देना होगा. यह अभी भी बहुत शुरुआती दिन हैं. वह पहली बार कप्तान हैं. मुझे यकीन है कि वह बेहतर होंगे और ये कप्तानी करने के लिए कठिन जगहें हैं. तो यह किसी को गहरे समुद्र में धकेलने जैसा है और मुझे यकीन है कि वह एक सच्चे पेशेवर के रूप में बाहर आएंगे.”