भारत और इंग्लैंड के बीच मैनचेस्टर के ओल्ड ट्रैफर्ड में टेस्ट सीरीज का चौथा मुकाबला खेला जा रहा है. तीन दिन के खेल के बाद मेजबान इंग्लैंड की मुकाबले पर मजबूती से अपनी पकड़ बना रखी है. इस मैच को लेकर KKR के लिए गौतम गंभीर के साथ खेल चुके उनके एक पूर्व टीममेट और भारतीय क्रिकेटर ने बड़ा बयान दिया है. उनका कहना है कि भारतीय टीम की स्थिति कमजोर है. अगर टीम इंडिया वापसी करते हुए मैच ड्रॉ भी करा लेती है, तो बड़ी बात होगी.
गंभीर के ‘टीममेट’ का बयान
दरअसल, पूर्व भारतीय क्रिकेटर मनोज तिवारी ने यह बयान दिया है. बता दें कि मनोज तिवारी आईपीएल फ्रेंचाइजी केकेआर के लिए गौतम गंभीर के साथ खेल चुके हैं. मनोज तिवारी ने कहा, ‘मैच में भारत की स्थिति फिलहाल अच्छी नहीं है. इंग्लैंड की टीम अच्छी बल्लेबाजी कर रही है. उनका बल्लेबाजी क्रम भी लंबा है. इसलिए भारतीय टीम को मैच में मुश्किल होनी वाली है. भारत के लिए इस मैच को जीतना अब मुश्किल हो गया है. इंग्लैंड ने अगर पहली पारी में बड़ा स्कोर बना लिया तो भारत के बल्लेबाज दूसरी पारी में दबाव में होंगे. ऐसे में हम किसी तरह से अगर टेस्ट को ड्रॉ करा लें, तो बड़ी बात होगी.’
प्लेइंग-11 को लेकर उठाए सवाल
मनोज तिवारी ने कहा कि गेंदबाजों में धैर्य की कमी दिख रही है. वे नियंत्रण के साथ गेंदबाजी नहीं कर पा रहे हैं. गेंदबाजों को मेडन ओवर फेंकने की कोशिश करनी चाहिए. रन रोकने के लिए सात और दो के फील्ड के साथ गेंदबाजी करनी चाहिए. अगर रन नहीं रुकेंगे तो बल्लेबाज अतिरिक्त रिस्क नहीं लेगा और विकेट मिलने के अवसर कम होंगे. गिल की कप्तानी और टीम में बल्लेबाजों और गेंदबाजों के संतुलन पर तिवारी ने कहा, ‘मैंने सीरीज की शुरुआत में कहा था कि टेस्ट विशेषज्ञों का खेल है. लेकिन विशेषज्ञों को बाहर बैठाया जा रहा है और ऑलराउंडर्स को खिलाया जा रहा है. चाहे वो टीम में हो या न हों. कुलदीप यादव को खिलाना चाहिए था, वे प्रभावी हो सकते थे.’
गंभीर पर साधा निशाना
मनोज तिवारी ने हेड कोच गौतम गंभीर पर भी निशाना साधते हुए कहा, ‘गौतम गंभीर जब से कोच बने हैं. उनका एक पैटर्न रहा है. टीम के खिलाड़ी अगर एक या दो मैच में असफल होते हैं, तो बाहर से खिलाड़ियों को लाकर खिलाया जाता है. न्यूजीलैंड सीरीज में अश्विन के रहते हुए वाशिंगटन सुंदर को बाहर से लाया गया. हालांकि, सुंदर ने अच्छी गेंदबाजी की. लेकिन, गंभीर यह संदेश देना चाहते थे कि अश्विन अच्छी गेंदबाजी नहीं कर पा रहे थे. उन पर भरोसा नहीं हो रहा था. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर देवदत्त पड्डीकल और हर्षित राणा को खिलाया गया था. राणा अभी बाहर हैं. कंबोज को इंग्लैंड में बुलाया गया. यह दिखाता है कि एक खिलाड़ी पर भरोसा नहीं है. न्यूजीलैंड सीरीज में हार की वजह से ही हम विश्व टेस्ट चैंपियनशिप का फाइनल खेलने का मौका चूक गए.’
मैच का अभी तक का हाल
तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक इंग्लैंड ने मैच में पूरी तरह से अपनी पकड़ बना ली है. 186 रनों की मजबूत बढ़त के साथ वे अब भारत पर भारी दबाव बना रहे हैं. यहां से भारतीय टीम के लिए मैच बचाना अब काफी मुश्किल लग रहा है. इंग्लैंड की बल्लेबाजी बेहद प्रभावशाली रही, खासकर जो रूट का शतक और स्टोक्स का जुझारू अर्धशतक. चौथे दिन भारतीय गेंदबाजों को चमत्कारिक प्रदर्शन करना होगा ताकि इंग्लैंड को जल्द समेट कर अपनी दूसरी पारी में वापसी की उम्मीद जगाई जा सके. भारत ने पहली पारी में 358 रन बनाए, जिसके जवाब में इंग्लैंड ने 7 विकेट के नुकसान पर 544 रन बना लिए हैं. बेन स्टोक्स 77 रन बनाकर नाबाद थे. लियाम डॉसन 21 रन बनाकर उनका साथ दे रहे थे.
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