गाजीपुर के लाल का कमाल…सब्जियों पर रिसर्च कर ऐसे क्रैक किया PhD Entrance Exam

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गाजीपुर के लाल का कमाल...सब्जियों पर रिसर्च कर ऐसे क्रैक किया PhD Entrance

गाजीपुर. यूपी के गाजीपुर के लाल ने कमाल कर दिया है. देश की टॉप सेंट्रल यूनिवर्सिटी में पीएचडी स्कॉलर बने इस छात्रा की कहानी रास्ता दिखाने वाली है. ये कहानी है विशाल सिंह की—जिन्होंने National Testing Agency (NTA) की ओर से आयोजित नेशनल पीएचडी एंट्रेंस टेस्ट 2023 को क्वालिफाई कर बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर यूनिवर्सिटी, लखनऊ (BBAU) में पीएचडी में दाखिला लिया है. साल 2023 में NTA ने भारत की पांच बड़ी सेंट्रल यूनिवर्सिटीज—Delhi University (DU), Jawaharlal Nehru University (JNU), Banaras Hindu University (BHU), Babasaheb Bhimrao Ambedkar University (BBAU) और Aligarh Muslim University (AMU)—के लिए एक कॉमन PhD एंट्रेंस टेस्ट आयोजित किया. इस संयुक्त परीक्षा के जरिये देशभर के रिसर्च स्कॉलर्स को एक समान अवसर प्रदान किया गया.

बनाया कोर सब्जेक्ट

विशाल सिंह ने इस एग्जाम को पहले ही प्रयास में क्वालिफाई किया. उन्होंने अपनी पोस्ट ग्रेजुएशन Sam Higginbottom University of Agriculture, Technology and Sciences (SHUATS), प्रयागराज से की और ग्रेजुएशन PG कॉलेज गाजीपुर से पूरा किया. विशाल ने PhD में Vegetable Science (सब्जी विज्ञान) को अपना कोर सब्जेक्ट चुना है. वे बताते हैं कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में PhD में एडमिशन के लिए सिर्फ विषय ज्ञान ही नहीं, बल्कि रिसर्च मेथडोलॉजी का भी अच्छा खासा वेटेज होता है. विशाल कहते हैं कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी में 50% वेटेज सब्जेक्ट का और 50% रिसर्च मेथडोलॉजी का होता है, जबकि स्टेट यूनिवर्सिटी में ऐसा जरूरी नहीं.

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कैसे करें तैयारी 

विशाल के मुताबिक, अगर आप हॉर्टिकल्चर में PhD करना चाहते हैं, तो इन किताबों से शुरुआत करें-Vegetable Breeding – हरिहर राम, Crop Cultivation – Thamburaj, Handbook of Horticulture – ICAR, Instant Horticulture – For Surprise Questions. Research Methodology – C.R. Kothari

कैसे होता है इंटरव्यू 

विशाल बताते हैं कि रिसर्च मेथडोलॉजी में थोड़ी कठिनाई हो सकती है, लेकिन C.R. Kothari की किताब और यूट्यूब वीडियोज इस परेशानी को हल करने में काफी मददगार हैं. NTA की परीक्षा पास करने के बाद आपको जिस यूनिवर्सिटी में दाखिला लेना है, वहां एक रिसर्च प्रपोजल देना होता है. उसी प्रपोजल के आधार पर एक कमेटी इंटरव्यू करती है और उसी से तय होता है कि आप PhD के लिए एलिजिबल हैं या नहीं. विशाल कहते हैं कि अगर कोई छात्र ग्रेजुएशन से ही हॉर्टिकल्चर की तैयारी कर रहा है और पोस्ट ग्रेजुएशन में वेजिटेबल साइंस को लेता है, तो उसकी पकड़ मजबूत हो जाएगी. अगर थर्ड सेमेस्टर से ही तैयारी शुरू कर दें तो सेंट्रल यूनिवर्सिटी में एडमिशन से कोई नहीं रोक सकता.

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