भारत सरकार के पहले व्यापक राष्ट्रीय पोषण सर्वेक्षण (2016-18) में पाया गया कि 5 प्रतिशत मोटे/अधिक वजन वाले थे, 5 प्रतिशत को हाई ब्लड प्रेशर था और लगभग 10 प्रतिशत को प्री-डायबिटीज था. सामने आए ये आंकड़े चौंका देने वाले थे क्योंकि हम अच्छी तरह जानते हैं कि मोटापा टाइप 2 डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, फैटी लिवर, हड्डी और जोड़ों की समस्याओं सहित कई बीमारियों को जन्म देता है. इन बीमारियों का प्रभाव बच्चों में अधिक विनाशकारी होता है. आपको बता दें कि भारत सरकार द्वारा किए गए इस इस सर्वे में 0-19 वर्ष की आयु वाले 1.12 लाख बच्चों को शामिल किया गया था.
ब्लड शुगर लेवल ज्यादा बढ़ जाने पर क्या होता है?हाई ब्लड शुगर डायबिटीज का कारण बन सकता है. अपरिवर्तनीय स्वास्थ्य स्थिति कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकती है. नीचे कुछ स्वास्थ्य स्थितियों की एक लिस्ट है जो डायबिटीज के कारण शुरू हो सकती हैं और समय पर इलाज न करने पर और भी खराब हो सकती हैं:
हार्ट अटैक
स्ट्रोक
किडनी डैमेज
कमजोर आंखें
बच्चों में शुगर लेवल कैसे कम करें?
हेल्दी वेट मेंटेन करें: मोटापे से टाइप 2 डायबिटीज होने का खतरा रहा है. ऐसे में आपको अपने बच्चों की डाइट अच्छी रखनी पड़ेगी ताकि आपका बच्चा हेल्दी वेट मेंटेन कर पाए.
बच्चों को एक्टिव बनाएं: बच्चे अगर खेल कूद जैसी शारीरिक गतिविधियों में शामिल हो तो शुगर लेवल हाई होने का खतरा कम ही रहता है. इसलिए अपने बच्चों को गैजेट्स से दूर करें और बाहर खेलने कूदने को भेजें.
चीनी वाले फूड ना दें: अपने बच्चों के लिए हेल्दी डाइट प्लान बनाएं और उन्हें चीनी वाले फूड व सॉफ्ट ड्रिंक का सेवन करने से रोकें.
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