Uttar Pradesh

Four graves are the symbol of friendship, this road in Bulandshahr is known as Char Yaar – News18 हिंदी



प्रशांत कुमार/बुलंदशहर:बुलंदशहर में चार यार रोड पर बनी चार कब्रों के रहस्य की कहानी दिलचस्प है.यह चार यार रोड डीएम रोड के पास है. जहां चार कब्रें बनी हैं. एक समय तीन दोस्त यहां से गुजर रहे थे. इस दौरान उन्हें प्यास लगी तो वह कुएं पर पानी पीने के लिए आए थे. लेकिन एक दोस्त अचानक कुएं में गिर जाता है. जिसके बाद अपने दोस्त को बचाने के लिए एक-एक कर कुएं में कूद जाते है. लेकिन तीनों दोस्त जिंदगी की जंग हार जाते हैं.

ऐसा माना जाता है की यहां सिर्फ तीन दोस्तों की ही मौत नहीं हुई थी. कुएं में गिरे तीन दोस्तों को बचाने एक कुत्ता भी कूद जाता है, उसकी भी मौत हो जाती है. इसकी जानकारी जब लोगों को लगी तो वह उन चारों को निकाल कर वहीं कुएं के किनारे दफना देते हैं.

मस्जिद के बाहर मर गया हाथीकुएं के बराबर में मस्जिद हुआ करती थी. जहां मलागढ़ के राजा बलिदान खान यहां नमाज पढ़ने के लिए आते थे. एक दिन उनका हाथी मस्जिद के बाहर मर गया. जिसके बाद उन चार कब्रों के पास हाथी को दफनाया गया और जब मलागढ़ के राजा को उन चार दोस्तों के बारे में पता चला तो राजा ने उनकी पक्की कब्र बनवा दी.

चार नहीं बल्कि पांच कब्र है बनीइतिहासकार मतलू वाली ने बताया कि जहां यह चार कब्र बनी है उसमें एक कुत्ते की कब्र है और इसके पीछे हाथी की कब्र है. इसके बाद से इस सड़क का नाम चार यार रख दिया गया. इन तीन दोस्तों के साथ एक कुत्ते की भी कब्र है जो कि  एक साथ चारों कुएं में मरे थे. तभी से यह जगह चार यार के नाम से फेमस होती चली गई और आज सरकारी दस्तावेजों में भी इसका नाम चार यार है, जबकि इन चारों की कब्र के पास एक हाथी की भी कब्र बनी हुई है.
.Tags: Hindi news, Local18FIRST PUBLISHED : February 22, 2024, 14:43 IST



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