बलिया में एक अनोखा और अद्भुत फूल अपनी खूबसूरती से सबको आकर्षित कर रहा है – डहलिया पिन्नाटा (Dahlia pinnata). यह न केवल अपनी सुंदरता से लोगों का दिल जीत रहा है, बल्कि आयुर्वेद में इसका महत्व भी बहुत अधिक है। यह फूल आयुर्वेदिक चिकित्सा के क्षेत्र में खासा चर्चित हो रहा है और इसके अनेकों रोगों का इलाज छिपा हुआ है।
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, बलिया में MD और PhD (Medicine) की डॉक्टर डॉ. प्रियंका सिंह ने बताया कि डहलिया पिन्नाटा देखने में जितना सुंदर है, उतना ही कैंसर जैसी गंभीर बीमारी के इलाज में भी सहायक है। इसके नियमित उपयोग से कोलेस्ट्रॉल, उच्च रक्तचाप, मोटापा, कब्ज और हड्डियों के रोग जैसी स्वास्थ्य समस्याओं में काफी लाभ होता है।
डहलिया पिन्नाटा के गुहिकीय गुण इसकी विशेषता हैं। इसमें पाए जाने वाले तत्वों में हार्मोन्स, फाइबर, नाइट्रिक एसिड और एंजाइम्स शामिल हैं। ये तत्व शरीर के कई महत्वपूर्ण कार्यों को नियंत्रित करने में मदद करते हैं।
डहलिया पिन्नाटा में खास तौर से हार्मोन्स, फाइबर, नाइट्रिक एसिड और एंजाइम्स पाए जाते हैं। इन तत्वों के कारण यह फूल शरीर में कई आवश्यक कार्यों को कंट्रोल करता है। इसका उपयोग दो प्रमुख तरीके से होता है – फूल से निकाला गया दूध (सैप) और बल्ब को चबाकर या कुरेदकर खाना।
अब तक डहलिया पिन्नाटा के सेवन से किसी प्रकार के साइड इफेक्ट्स की रिपोर्ट नहीं मिली है, जो इसे कई अन्य औषधीय पौधों की तुलना में अधिक विश्वसनीय बनाता है। इस फूल को अगर सही तरीके से उपयोग में लाया जाए, तो मानव जीवन के लिए एक औषधीय वरदान साबित हो सकता है। आयुर्वेद चिकित्सक से सलाह लिए बिना इसका सेवन नहीं करना चाहिए।