भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में खत्म हुई टेस्ट सीरीज 2-2 से बराबरी पर खत्म हुई. शुभमन गिल इस सीरीज में पहली बार कप्तानी संभाल रहे थे. गिल की कप्तानी में टीम इंडिया ने इस सीरीज में ऐसा इतिहास रचा, जो भारतीय क्रिकेट में कभी देखने को नहीं मिला. भारत ने यह करिश्मा केनिंग्टन ओवल के मैदान में हुए सीरीज के आखिरी मैच को जीतकर किया. इस मैच में भारत ने इंग्लैंड को 6 रनों के बेहद करीबी अंतर से हरा दिया और सीरीज ड्रॉ कराई.
आखिरी दिन भारत की रोमांचक जीत
यह जीत कई मायनों में खास थी. भारत ने इंग्लैंड को 374 रनों का लक्ष्य दिया था और पांचवें दिन इंग्लैंड को जीत के लिए केवल 35 रन और 4 विकेट की जरूरत थी. भारतीय गेंदबाज प्रसिद्ध कृष्णा और मोहम्मद सिराज ने इस मुश्किल परिस्थिति में शानदार प्रदर्शन करते हुए मैच का रुख पूरी तरह से पलट दिया. खासकर सिराज ने तीन अहम विकेट झटके और इंग्लैंड की टीम को 367 रनों पर ऑल आउट कर दिया. उनकी इस बेहतरीन गेंदबाजी के लिए उन्हें प्लेयर ऑफ द मैच भी चुना गया.
भारत को पहली बार मिली ये कामयाबी
दरअसल, भारतीय क्रिकेट इतिहास में ऐसा पहला बार हुआ है, जब टीम ने भारत से बाहर खेलते हुए किसी भी टेस्ट सीरीज का 5वां मुकाबला अपने नाम किया हो. टीम इंडिया इससे पहले कभी ये कामयाबी हासिल नहीं कर पाई थी. यह जीत रनों के लिहाज से भारत की सबसे कम अंतर वाली जीत थी, जिसने इसे और भी यादगार बना दिया. इससे पहले भारत ने 2004 में ऑस्ट्रेलिया को 13 रनों से हराया था. ओवल की ऐतिहासिक जीत ने भारतीय क्रिकेट टीम की जुझारू क्षमता और कभी हार न मानने वाले जज्बे को भी दिखाया.
ये कमाल भी पहली बार हुआ
गिल की कप्तानी में टीम इंडिया ने एक और मुकाम हासिल किया, जब इंग्लैंड को बर्मिंघम के एजबेस्टन में 300 से ज्यादा रनों के विशाल अंतर से रौंदा. दरअसल, इस मैदान पर टीम इंडिया की यह पहली टेस्ट जीत थी. इस मैच से पहले तक भारत या तो इस मैदान पर टेस्ट मैच ड्रॉ कराने में कामयाब हुआ था या फिर उसे हार मिली थी, लेकिन गिल की अगुवाई वाली टीम इंडिया ने इतिहास बदलते हुए पहली जीत नाम की.