मुरादाबाद की महिलाओं ने रचा सफलता का अध्याय, 20 हजार से शुरू कर 20 लाख तक पहुंचाया कारोबार
उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की कुछ महिलाओं ने आत्मविश्वास और मेहनत के बल पर एक सफलता की कहानी रची है. उन्होंने मिलकर एक स्वयं सहायता समूह का गठन किया और अपने उत्पादों के माध्यम से आत्मनिर्भरता की नई मिसाल बनाई है. समूह की अध्यक्ष अलाउद्दीन की पत्नी ने इस काम की बागडोर संभाली और उनके पति अलाउद्दीन ने मार्केटिंग में उनका सहयोग किया. घर में महिलाएं मिलकर चादर और बेडशीट तैयार करती हैं, जबकि अलाउद्दीन और अन्य सदस्य बाजार में जाकर बिक्री का कार्य संभालते हैं।
समूह ने शुरुआत में 20 हजार रुपये का फंड तैयार किया और प्रधानमंत्री योजना के तहत बैंक से 20 हजार रुपये का लोन लिया. महिलाओं ने बेडशीट, चादर और अन्य घरेलू उत्पाद तैयार करने का काम शुरू किया. मेहनत और गुणवत्ता के बल पर उनके उत्पादों की मांग बढ़ती चली गई. आज समूह का कारोबार 20 लाख रुपये से अधिक का हो गया है और लगातार बढ़ रहा है. इन महिलाओं के उत्पाद अब स्थानीय बाजार के साथ-साथ आस-पास के जिलों में भी बेचे जा रहे हैं।
हर महिला कमा रही 15 से 20 हजार रुपये महीना
समूह में जुड़ी 12 महिलाएं अब आत्मनिर्भर बन चुकी हैं. हर महिला औसतन 500 से 600 रुपये प्रतिदिन कमा रही है. इस तरह एक महीने में उनकी आय 15 से 20 हजार रुपये तक पहुंच रही है. पहले जो महिलाएं घर के काम तक सीमित थीं, अब वही महिलाएं परिवार की आर्थिक रीढ़ बन चुकी हैं. उन्होंने न केवल अपनी आर्थिक स्थिति मजबूत की, बल्कि समाज में भी सम्मान पाया है.
आत्मनिर्भर भारत की मिसाल बनीं मुरादाबाद की महिलाएं
परिवर्तन स्वयं सहायता समूह की सफलता ने न केवल इन महिलाओं की जिंदगी बदली है, बल्कि आसपास की अन्य महिलाओं को भी प्रेरणा दी है. अब कई महिलाएं इस समूह से जुड़ने की इच्छा जता रही हैं ताकि वे भी आत्मनिर्भर बन सकें. यह कहानी प्रधानमंत्री के आत्मनिर्भर भारत के विजन को जमीनी हकीकत में बदलने की मिसाल पेश करती है.

