किडनी की गिनती शरीर के सबसे अहम ऑर्गन में होती है. यह रोज लगभग 180 लीटर खून को छानने का काम करता है. इसके अलावा यह रेड ब्लड सेल्स के प्रोडक्शन, ब्लड प्रेशर को रेगुलेट करने वाले हार्मोन को रिलीज करने के साथ शरीर से पेशाब के रूप में कचरे को निकालने का काम करता है. ऐसे में इसमें जरा भी खराबी से मामूली से लेकर गंभीर संकेत देखने के लिए मिल सकता है.
 
ऐसे में डॉ. मनोहरन बी, वरिष्ठ सलाहकार-नेफ्रोलॉजी, मणिपाल अस्पताल वर्तुर रोड एंड व्हाइटफील्ड, बेंगलुरु, बताते हैं कि भूख में कमी जिसे एनोरेक्सिया भी कहते हैं, किडनी में डैमेज या बीमारी का शुरुआती संकेत हो सकता है. किडनी और भूख के बीच में क्या संबंध इस लेख में आप एक्सपर्ट से समझ सकते हैं.
 
किडनी डिजीज और भूख में लिंक 
क्रोनिक डायलिसिस के लगभग एक तिहाई मरीज भूख में कमी की शिकायत करते हैं. ऐसा किडनी डिजीज में होने वाले ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन में कमी के कारण होता है. 
 
भूख में कमी की क्या है वजह 
डॉ. मनोहर बताते हैं कि गैर-डायलाइज्ड क्रोनिक किडनी डिजीज के मरीज और रखरखाव डायलिसिस से गुजरने वालों में, एनोरेक्सिया मुख्य रूप से अज्ञात एनोरेक्सिजेनिक यौगिकों और सूजन साइटोकिन्स के निर्माण से जुड़ा हुआ है. इसके अतिरिक्त, एक अति सेरोटोनिनर्जिक अवस्था होती है, जो भूख कम करने के लिए जिम्मेदार होती है. सी. के. डी. वाले रोगियों में पी. टी. एच. के स्तर में वृद्धि भी खराब भूख से जुड़ी है.
 
भूख में कमी को ना करें इग्नोर 
लगातार भूख में कमी से कुपोषण या आवश्यक विटामिन और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है, जिसके परिणामस्वरूप जीवन के लिए खतरा पैदा हो सकता है. इसलिए, यदि आप भूख में कमी का अनुभव करते हैं जो एक तीव्र बीमारी की अवधि से परे बनी रहती है या कुछ हफ्तों से अधिक समय तक रहती है, तो डॉक्टर से जरूर जांच करवाएं.
 
किडनी डिजीज में भूख का इलाज  
एनोरेक्सिया के उपचार में आमतौर पर परामर्श, यूरेमिक क्रोनिक किडनी रोग के रोगियों के लिए डायलिसिस उपचार शुरू करना, डायलिसिस खुराक को अनुकूलित करना और संभावित रूप से भूख बढ़ाने वाली दवा देना शामिल होता है. डॉ. मनोहरन बताते हैं कि IV अमीनो एसिड सप्लीमेंट जैसे प्योर क्रिस्टलीय अमीनो एसिड सॉल्यूशन एचडी रोगियों के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं. 
 



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