फिरोजाबाद में जैन धर्म के कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, जिनमें से कुछ ऐसे हैं जो इतिहास और आस्था दोनों में खास स्थान रखते हैं। इन मंदिरों की भव्यता और धार्मिक महत्व को मुगलों के आक्रमणों के बावजूद भी बनाए रखा गया है। खुदाई के दौरान यहां पुराने सिक्के और मूर्तियां भी मिली हैं, जो इनकी प्राचीनता को दर्शाती हैं।
फिरोजाबाद शहर के मध्य स्थित छदामीलाल दिगंबर जैन मंदिर काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर के लिए सन 1947 में जमीन खरीदी गई थी और 1950 में टीन शेड के नीचे इसकी स्थापना की गई। आज यह मंदिर भव्य स्वरूप में है और दूर-दूर से जैन धर्म के लोग दर्शन के लिए आते हैं।
शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर यमुना किनारे प्राचीन तीर्थ दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र मंदिर स्थित है। कहा जाता है कि इस मंदिर की स्थापना राजा चंद्र सेन के शासनकाल में हुई थी। मुगलों ने इस पर कई बार आक्रमण किए, लेकिन आज यह मंदिर जैन धर्म के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है। यह मंदिर फिरोजाबाद के घंटाघर के पास स्थित है और इसे श्री 1008 शांतिनाथ दिगंबर जैन मंदिर के नाम से जाना जाता है।
यहां जैन धर्म के विभिन्न पर्व धूमधाम से मनाए जाते हैं। मंदिर में स्थापित मूर्ति अद्भुत है और इसके दर्शन के लिए दूर-दूर से जैन धर्म के अनुयायी आते हैं। घंटाघर की छोटी खिड़की के पास स्थित प्राचीन श्री 1008 चंद्रपुर दिगंबर जैन मंदिर का इतिहास राजा चंद्र सेन से जुड़ा हुआ है। मुगलकाल में मंदिर की सुरक्षा के लिए मूर्ति को यमुना नदी में प्रवाहित कर दिया गया था, जिसे बाद में निकाला गया और शहर के घंटाघर के पास पुनः स्थापित किया गया।
फिरोजाबाद शहर से लगभग 12 किलोमीटर दूर फरिहा गांव में स्थित एक प्राचीन जैन मंदिर है, जिसे श्री दिगंबर जैन बड़ा मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर में खुदाई के दौरान पुराने सिक्के और मूर्तियां मिली हैं, जो इसे और भी रहस्यमय बनाती हैं। यहां समय-समय पर जैन धर्म के विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित होते रहते हैं।