फिर दोहराई फिल्म ‘नायक’ की कहानी, अनिल कपूर की तरह कमिश्नर रोशन जैकब ने कर दिया ये काम

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रायबरेली: अनिल कपूर (Anil Kapoor) के फिल्मी करियर की बेस्ट फिल्मों में से एक है ‘नायक’ (Nayak). ये एक ऐसी फिल्म में जिसमें संयोग से फिल्म का नायक एक दिन का मुख्यमंत्री बन जाता है और एक दिन के अंदर ऐसे शानदार फैसले लेता है कि करप्शन से त्रस्त जनता प्रभावित होकर पूर्णकालिक मुख्यमंत्री बनाने की मांग करती है. हालांकि, अनिल कपूर अभिनीत फिल्म नायक भले फिक्शन हो, लेकिन वह सत्य के बहुत करीब है. रायबरेली में ऐसा ही एक मामला सामने आया जो कई सालों से अटका था. इस मामले को पिछले दिनों यहां समाधान दिवस में आई मंडलायुक्त रौशन जैकब ने नायक फिल्म के अनिल कपूर स्टाइल में निपटा दिया. आइए बताते हैं पूरा मामला…

मामला जमीन की पैमाइश से जुड़ा था. किसान की जमीन किसी कलीम नाम के व्यक्ति ने कब्जा कर रखी थी. किसान ने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मुख्यमंत्री पोर्टल, डिप्टी सीएम, जिलाधिकारी रायबरेली सब जगह शिकायत की. मगर, लेखपाल और कानूनगो हर बार कलीम के पक्ष में रिपोर्ट लगाकर भेज देते थे. किसान राम प्रताप लगभग सिस्टम से निराश हो गया था. तभी बीती 17 मई को मंडलायुक्त तहसील दिवस में पहुंच गईं.

राम प्रताप को एक बार फिर आशा जगी और वह सारे सबूत के साथ उनके सामने चले गए. मंडलायुक्त रौशन जैकब भांप गईं कि इस मामले में कुछ तो गड़बड़ है. मंडलायुक्त ने जिलाधिकारी से टीम बनाकर मामले की जांच करने का निर्देश दिया तो सामने आया कि लेखपाल और कानूनगो कभी मौके पर गए ही नहीं है. हर शिकायत की आख्या में उन्होंने कलीम को सही-सही ठहराया और रामप्रताप को गलत बताया हुआ था.

जिलाधिकारी हर्षिता माथुर की ओर से बीती देर रात सूचना विभाग ने एक प्रेस नोट जारी कर सूचना दी कि चकबंदी लेखपाल नागेंद्र प्रताप और चकबंदी कानूनगो राकेश कुमार को भ्रामक आख्या देने के चलते निलंबित कर दिया गया है.

बता दें, ये पूरा मामला महाराजगंज तहसील क्षेत्र के रमपुरा मजरे बावन बुजुर्ग बल्ला गांव का है. बावन बुजुर्ग बल्ला गांव वर्तमान में चकबंदी के तहत प्रक्रियाधीन है. गांव निवासी राम प्रताप पुत्र रमई ने बीते 17 मई को तहसील सभागार में आयोजित संपूर्ण समाधान दिवस के दौरान मंडलायुक्त रोशन जैकब के समक्ष पेश होकर बताया कि गांव स्थित गाटा संख्या-300,307,310,296,305,308 व 318 राजस्व अभिलेखों में उसकी पैतृक जमीन भूमिधरी दर्ज है.

जिस पर बावन बुजुर्ग बल्ला व जिह्वा गांव निवासी भूमाफिया कब्जा कर रहे हैं. किसान ने मंडलायुक्त रौशन जैकब को बताया कि इसकी शिकायत पूर्व में आईजीआरएस सहित, मुख्यमंत्री के जनता दर्शन, तहसील दिवस, थाना दिवस, चकबंदी आयुक्त व अन्य पोर्टल पर की गई है. शिकायत की आख्या मांगे जाने पर बिना मौके गए ही चकबंदी लेखपाल व कानूनगो जांच रिपोर्ट दे देते हैं. इससे उसे न्याय नहीं मिला. भुक्तभोगी किसान ने साक्ष्य के रूप में सैकड़ों शिकायती पत्र व उनके निस्तारण की जांच आख्या रिपोर्ट दिखाते हुए मंडलायुक्त से न्याय की गुहार लगाई. मामले में अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री को जनता दर्शन में दिए गए शिकायती पत्रों व उनकी जांच आख्या देखकर मंडलायुक्त हैरान में दिखी.

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