India vs Brazil, FIFA U-17 WWC: भारतीय महिला टीम फीफा अंडर-17 वर्ल्ड कप से हार के साथ बाहर हुई. उसे सोमवार को भुवनेश्वर के कलिंगा स्टेडियम में ब्राजील ने पांच गोल से हराया. इस मुकाबले में भारतीय टीम अपना गोल-खाता भी नहीं खोल पाई. मेजबान टीम इस पूरे ही टूर्नामेंट में हर मैच हारती रही और आखिरकार हार के साथ ही बाहर हो गई. भारत चार टीमों के ग्रुप में आखिरी पायदान पर रहा.
ब्राजील ने 5-0 से दी मात
भारतीय टीम को उसके आखिरी ग्रुप मैच में सोमवार को ब्राजील ने 5-0 से शिकस्त दी. इस हार के साथ ही मेजबान टीम का फीफा महिला अंडर-17 फुटबॉल विश्व कप का अभियान बिना एक भी मैच जीते खत्म हो गया. मेजबान होने के कारण भारत को आयु-वर्ग की इस शीर्ष प्रतियोगिता में पदार्पण का मौका मिला था. इससे पहले ग्रुप-ए के अपने मुकाबलों में भारतीय टीम को अमेरिका ने 8-0 से जबकि मोरक्को ने 3-0 से मात दी. टीम इस तरॉह टूर्नामेंट के तीन मैचों में 16 गोल गंवाते हुए बिना किसी अंक के चार टीम के ग्रुप में अंतिम स्थान पर रही.
ब्राजील और अमेरिका QF में
ब्राजील और अमेरिका ने इस टूर्नामेंट के क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालिफाई किया. अमेरिका ने मडगांव में एक ही समय में खेले गए ग्रुप-ए के दूसरे मैच में मोरक्को को 4-0 से हराया. ब्राजील और अमेरिका दोनों ने दो जीत और एक ड्रॉ से सात अंक हासिल किए. दोनों के बीच 14 अक्टूबर को खेल गया मुकाबला 1-1 से ड्रॉ रहा था. अपनी तेजी और छकाने की काबिलियत ने भारतीय डिफेंस को लगातार परेशान करने वालीं एलिन (40वें और 51ववें मिनट) ने ब्राजील के लिए दो गोल किए. सब्स्टीट्यूट लॉरा (86वें और 90+3 मिनट) ने भी दो गोल दागे.
भारतीय टीम नहीं बना पाई कोई मौका
भारतीय टीम ब्राजील के खिलाफ मुकाबले में कोई मौका नहीं बना पाई. गेबी बर्चोन ने दक्षिण अमेरिकी चैंपियन टीम को 11वें मिनट में 1-0 से बढ़त दिलाई. भारत गोल की तरफ एक ही शॉट लगा पाया जबकि ब्राजील ने एक दर्जन से ज्यादा शॉट लगाए. भारतीय टीम के पास खोने के लिए कुछ नहीं था और वह साख बचाने के लिए खेल रही थी. मेजबान टीम ने संभवत: टूर्नामेंट का अपना अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया और उन्हें श्रेय जाता है कि मैच पूरी तरह से एकतरफा नहीं था जिसकी अमेरिका के खिलाफ करारी हार के बाद आशंका थी. भारतीय खिलाड़ियों ने शारीरिक और तकनीकी रूप से अपने से कहीं अधिक श्रेष्ठ विरोधियों के कड़ी टक्कर देने की कोशिश की. हालांकि मुकाबले में भारतीय टीम की रक्षात्मक कमियां उजागर हुईं और उसके खिलाड़ी अच्छी तरह पास भी नहीं दे पाए.
अभी बहुत कुछ करने की जरूरत
भारत में फुटबॉल को लेकर जागरुकता थोड़ी कम नजर आती है. क्रिकेट को ज्यादा पसंद करने वाले इस देश में फुटबॉल को प्रमोट करने का भी कोई खास जरिया नजर नहीं आता. हालांकि कुछ खिलाड़ियों ने अपने दम पर नाम कमाया है जिनमें सुनील छेत्री, बाइचुंग भूटिया जैसे दिग्गज शामिल हैं. पिछले कुछ वक्त में इंडियन सुपर लीग (ISL) के आने से भी काफी कुछ बदला है लेकिन अभी आयु-वर्ग के टूर्नामेंट हों या महिला फुटबॉल.. इस दिशा में काफी काम करने की जरूरत है.
ये ख़बर आपने पढ़ी देश की नंबर 1 हिंदी वेबसाइट Zeenews.com/Hindi पर
No confusion over CM face, says Tejashwi
PATNA: RJD leader Tejashwi Prasad Yadav on Tuesday dismissed speculation over the INDIA Bloc’s chief ministerial face in…