बरसात के मौसम में तापमान में अचानक बदलाव होता है. कभी मौसम ठंडा तो कभी मौसम गर्म हो जाता है. बरसात अपने साथ सेहत से जुड़ी कई समस्या साथ लेकर आता है. बारिश के दिनों में सांस से जुड़ी समस्या का जोखिम बढ़ जाता है. खासकर इस मौसम में निमोनिया का रिस्क बढ़ जाता है. जिन लोगों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है उन्हें निमोनिया का खतरा अधिक होता है. बच्चे और बुजुर्ग लोग निमोनिया का अधिक शिकार होते हैं. निमोनिया बीमारी जानलेवा भी हो सकती है. आइए जानते हैं निमोनिया के लक्षण.
निमोनिया निमोनिया एक ऐसी बीमारी है जो कि फेफड़ों में सूजन की समस्या पैदा करती है. निमोनिया में बैक्टीरिया, वायरस, फंगस और एलर्जी की वजह से हो सकता है.
निमोनिया के लक्षण हर इंसान में निमोनिया के लक्षण अलग-अलग हो सकते हैं. कुछ लोगों में निमोनिया होने पर बुखार होता है वहीं उन्हें काफी ठंड लगती है. सांस लेने में दिक्कत आती है. निमोनिया होने पर सीने में दर्द भी रहता है. सांस लेने पर सीने में होने वाला दर्द भी निमोनिया का संकेत हो सकता है. कुछ केस में खांसी में बलगम के साथ खून भी आ सकता है. निमोनिया होने पर इंसान बहुत जल्दी थक जाता है और पूरे दिन कमजोरी या थकान महसूस होती है. निमोनिया होने पर नाखून और स्किन हल्की नीली नजर आने लगती है.
निमोनिया का कारण फेफेड़ों में सूजन, नमी, ठंड, कमजोर इम्यून सिस्ट, पोषक तत्वों की कमी, फंगस और संक्रमण की वजह से निमोनिया हो सकता है. छींकने और खांसने से निमोनिया के बैक्टरिया दूसरे लोगों में भी फैल सकते हैं.
किन लोगों को है ज्यादा खतरा निमोनिया के मामले में 5 साल से छोटे बच्चों में अधिक देखने को मिलते हैं. निमोनिया की वजह से बच्चों की जान भी जा सकती है. वहीं 60 साल से अधिक उम्र के लोगों में भी निमोनिया होने का रिस्क अधिक होता है. गर्भवती महिला को भी निमोनिया होने का जोखिम अधिक होता है.
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