भोपाल: मध्य प्रदेश के कुछ हिस्सों में उर्वरक की कमी ने न केवल राजनीतिक दलों और किसान संगठनों द्वारा विरोध प्रदर्शन को बढ़ावा दिया है, जो सत्तारूढ़ भाजपा के विरोध में हैं, बल्कि आरएसएस से जुड़े किसान संगठन भारतीय किसान संघ (बीकेएस) के सदस्यों की धैर्य भी कम हो रही है। हाल ही में भिंड, मोरेना और शिवपुरी (ग्वालियर-चंबल क्षेत्र), नर्मदापुरम और रायसेन (मध्य एमपी), खंडवा और बरवानी (दक्षिण-पश्चिम एमपी) और महाकौशल क्षेत्र के जबलपुर में बीकेएस के नेतृत्व में विरोध प्रदर्शन की खबरें सामने आई हैं।
बीकेएस से जुड़े किसानों ने ग्वालियर-चंबल क्षेत्र के भिंड जिले में उर्वरकों के वितरण में हो रहे हालात के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है, जहां तीसरी बार भाजपा विधायक नंद किशोर कुशवाह ने जिला कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के साथ गाली-गलौज का मामला सामने आया था। बीकेएस के मध्य भारत प्रांत के प्रांत प्रचार प्रमुख राहुल धूत ने बताया, “सीएम डॉ. मोहन यादव ने घोषणा की है कि राज्य में उर्वरकों की कमी नहीं है, लेकिन वास्तविकता यह है कि राज्य के विभिन्न जिलों में उर्वरकों की कमी है। सीएम को उर्वरकों के वितरण की जिम्मेदारी नहीं है, यह अधिकारी मशीनरी का काम है।”
उन्होंने बताया कि राज्य भर में उर्वरकों के वितरण में हो रहे हालात और अनियमितता के बारे में हमें जानकारी मिली है। उन्होंने कहा, “हमने पहले भी राज्य के विभिन्न हिस्सों में उर्वरकों के वितरण में हो रहे हालात के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया है। 15 सितंबर को बीकेएस राज्य व्यापी विरोध प्रदर्शन करेगा और प्रत्येक जिले के कलेक्टर को मांग पत्र सौंपेगा।”