Early signs of ageing: क्या आप 40 की उम्र में अकेलापन या अपनी उम्र से बड़ा महसूस करते हैं? एक स्टडी के मुताबिक, उम्र बढ़ने के बारे में ये नेगेटिव परसेप्शन कमजोरी के शुरुआती संकेत हो सकते हैं, यहां तक कि आपकी 40 की उम्र में भी. आमतौर पर बुढ़ापे से जुड़ी कमजोरी एक रिकॉग्नाइज्ड मेडिकल कंडीशन है, जो बदन की ताकत में कमजोरी, कम एनर्जी और बीमारी से ठीक होने की क्षमता में कमी से पहचानी जाती है.
एजिंग को लेकर रिसर्चप्री-फ्रेल्टी (कमजोरी से पहले का कंडीषन) एक रिवर्सिबल ट्रांजिशन स्टेज है जो इससे पहले आती है, हालांकि, एक्सपर्ट्स का कहना है कि इसे सही तरीके से डिफाइन नहीं किया गया है और इसे और ज्यादा समझने की जरूरत है. बीएमसी पब्लिक हेल्थ (BMC Public Health) जर्नल में छपी रिसर्च से पता चला है कि ये छोटे मनोवैज्ञानिक और सामाजिक संकेतों के साथ बहुत पहले शुरू हो सकता है.
बुढ़ापे का असर कैसे पहचानें?ऑस्ट्रेलिया में फ्लिंडर्स यूनिवर्सिटी (Flinders University) के केयरिंग फ्यूचर्स इंस्टीट्यूट के लीड ऑथर टॉम ब्रेनन ने कहा, “कई लोग मानते हैं कि कमजोरी कुछ ऐसी चीज है जो बहुत बूढ़े होने पर होती है. लेकिन हमारे रिसर्च से पता चलता है कि साइकोलॉजिकल और बिहेवियरल वॉर्निंग साइन दशकों पहले, 40, 50 और 60 के दशक के लोगों में उभर सकते हैं. मिसाल के तौर, अपनी उम्र से बड़ा महसूस करना एक मामूली कमेंट जैसा लग सकता है, लेकिन ये पता चला है कि ये एक इशारा हो सकता है कि कुछ ठीक नहीं है.”
कैसे की गई रिसर्चस्टडी के लिए, रिसर्चर्स ने 40 साल और उससे ज्यादा उम्र के 321 ऑस्ट्रेलियन एडल्ट्स के डेटा को एनालाइज किया; प्रतिभागियों में से 60 फीसदी को प्री-फ्रेइल, 35 फीसदी को नॉन-फ्रेइल और 5 फीसदी को फ्रेइल के तौर पर क्लासिफाई किया गया था. विश्लेषण में पाया गया कि नॉन-फ्रेइल प्रतिभागियों की तुलना में प्री-फ्रेइल और फ्रेइल दोनों लोगों ने अकेलापन और उम्र बढ़ने के प्रति नेगेटिव नजरिए की रिपोर्ट करने की ज्यादा संभावना जताई.
एक्सपर्ट ने क्या कहा?ब्रेनन ने कहा, “हमारे नमूने में प्री-फ्रेल्टी के सबसे मजबूत प्रिडिक्टर्स में से एक अकेलापन था, जो इस बात पर फोकस करता है कि सोशल आइसोलेशन एक क्रिटिकल फैक्टर है जो रिलेटिवली हेल्दी और गतिशील आबादी में भी ओवरऑल रिजिलिएंस को अफेक्ट कर सकता है.” एक दूसरी अहम खोज ये थी कि प्री-फ्रेइल लोगों ने आमतौर पर अपनी क्रोनोलॉजिकल एज से बड़ा महसूस करने की रिपोर्ट दी, यहाँ तक कि जब फिजिकल हेल्ख मार्कर एक्सपेक्टेड रेंज के भीतर थे.
इन इशारों को नजरअंदाज न करेंब्रेनन ने कहा, “अपनी उम्र से बड़ा महसूस करना एक अहम साइकोलॉजिकल सिग्नल हो सकता है.” “हमें उम्र बढ़ने को लेकर पॉजिटिव एटीट्यूज को बढ़ावा देने की अहमियत पर जोर देने की जरूरत है क्योंकि इसका लोगों के जीवन के बाद के स्टेज में एडजस्ट होने के तरीके पर बहुत बड़ा असर पड़ सकता है.” ब्रेनन ने कहा कि स्टडी एक अहम इंटरवेंशन प्वॉइंट पर फोकस करता है जो बाद के जिंदगी में कमजोरी को बढ़ने से रोकने में मदद कर सकता है.
(इनपुट-आईएएनएस)
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