Fatty Liver May Cause Cancer: दिल्ली एम्स के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और एंटरोलॉजी के एचओडी डॉ. प्रमोद गर्ग (Dr. Pramod Garg) ने बताया कि हेपेटाइटिस का मतलब है कि लिवर में सूजन आना, जिसके कई कारण होते हैं. ये परेशानी लगातार लोगों में बढ़ रही है और WHO का कहना है कि इस समस्या को साल 2030 तक खत्म किया जाना चाहिए, जिसको लेकर हम लगातार लोगों को अवेयर कर रहे हैं. उनका कहना है कि फैटी लिवर से कैंसर का रिस्क भी बढ़ सकता है.
फैटी लिवर की वजहहेपेटाइटिस यानी फैटी लिवर के 3 बड़े कारण हो सकते हैं. पहला कारण है वायरस का इंफेक्शन, जिससे लिवर में सूजन आती है. दूसरा कारण है, शराब का हद से ज्यादा सेवन, जो लिवर में फैट बढ़ाता है, जिससे मेटाबॉलिज्म ठीक से काम नहीं करता. तीसरा कारण है लिवर में मोटापा बढ़ना यानी ज्यादा फैट और चर्बी आना.
मोटापा है लिवर का दुश्मनफैटी लिवर कारण है मोटापा, यानी ओबेसिटी. जैसे जैसे हमारे खाने की मात्रा ज्यादा होती है, फूड में फैट और शुगर बढ़ता है तो उससे चर्बी बढ़ती है. ओवरईटिंग के बाद मोटापा बढ़ने का कारण होता है कि फिजिकल एक्टिविटी कम हो जाती है. आज के वक्त में कई लोग अपना काम खुद नहीं करते हैं. खाने के बाद बैठे रहना, जिससे ज्यादा भोजन के बाद मोटापा बढ़ता है और वो मोटापा लिवर में चला जाता है.
शराब से लिवर कैंसर का रिस्कडॉक्टर गर्ग ने बताया कि आज के वक्त में शराब के हद से ज्यादा सेवन से लिवर कैंसर होने का भी खतरा है और ये उन लोगों में ज्यादा है, जिनके लिवर में सिरोसिस हो जाता है. करीब 10 से 20 सालों से लिवर डैमेज है तो उसमें लिवर कैंसर का खतरा ज्यादा है. इसका कारण तब रहता है जब आपका लिवर बहुत ज्यादा खराब हो जाता है. शराब के अधिक सेवन से लिवर में फैट बढ़ सकता है, सूजन आ जाती है, जिससे सिरोसिस भी हो सकता है. मौजूदा समय में भारत में शराब के अधिक सेवन से लिवर में समस्या के ज्यादा मामले देखने को मिल रहे हैं, पहले इतने मामले नहीं आते थे.
अनहेल्दी डाइट भी लिवर का मुजरिमडॉक्टर गर्ग ने बताया कि आज के समय में फैटी लिवर का मुख्य कारण अनहेल्दी डाइट भी है, क्योंकि हम जब अपनी डाइट में ज्यादा शुगर ऑयल का सेवन कर लेते हैं और खाने के बाद कोई एक्टिविटी नहीं करते हैं, दिनभर बैठे रहते हैं तो भोजन पच नहीं पाता, जो बाद में लिवर में जाकर फैटी लिवर की समस्या शुरू कर देता है. इसके लिए जरूरी है कि लोगों को ये पता हो कि वो जो चीजें खा रहे हैं, उसमें कितना शुगर और कितना फैट है. बैलेंस डाइट बेहद जरूरी है, जिसमें कि 40-50 ग्राम प्रोटीन हो, 20-30 ग्राम फैट होना चाहिए. इसके साथ ही रोजाना फल और सब्जियों का भी सेवन किया जाना चाहिए. किसी तरह की दिक्कत होने पर डॉक्टर के पास जाना चाहिए.
(इनपुट-आईएएनएस)
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

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