मेरठ के जुड़वां दिव्यांग भाई आयूष और पीयूष की कहानी सभी को प्ररित करने वाली है. गंभीर बीमारी से जूझ रहे दोनों भाई चलने-फिरने, यहां तक कि बोलने में भी लाचार नजर आते हैं. लेकिन पिता के कर्म की सीख ने इनके जीवन को बदल दिया. ये दोनों जुड़वा भी माता-पिता को अपना गुरु मानते हैं. ये कहानी है मेरठ के ऐसे दो जुड़वा भाइयों की जो बचपन से ही न ठीक से चल सकते हैं और न ही ठीक से उठ-बैठ सकते हैं. यहां तक कि इन दोनों जुड़वा भाइयों को बोलने में भी तकलीफ होती है. लेकिन पिता के फौलादी इरादों की वजह से इन दोनों ने ऐसी उड़ान भरी कि आप जानकर आश्चर्यचकित हो जाएंगे.
Source link

एचसी ने आरपी स्कूल काउंसिल चेयरमैन को दस हजार रुपये का जुर्माना लगाया क्योंकि वह हलफनामे में देरी की
विजयवाड़ा: आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय ने आरपीईएल के अध्यक्ष को ₹10,000 की राशि के रूप में जुर्माना लगाया…