पैदल चलना शायद सबसे कम आंका जाने वाला व्यायाम है, लेकिन एक नए अध्ययन ने साबित किया है कि यह सिर्फ कैलोरी बर्न करने से कहीं ज्यादा फायदेमंद है. ब्रिटिश जर्नल ऑफ स्पोर्ट्स मेडिसिन में प्रकाशित इस अध्ययन के अनुसार, 4 किलोमीटर प्रति घंटा या उससे अधिक की गति से चलने से टाइप 2 डायबिटीज का खतरा कम हो सकता है.
यूके और ईरान के शोधकर्ताओं द्वारा किए गए इस अध्ययन में पाया गया है कि 4 किमी/घंटा से अधिक की गति जितनी तेज होगी, डायबिटीज का खतरा उतना ही कम होता दिखता है. अध्ययन के अनुसार, गति में हर 1 किमी की वृद्धि के साथ डायबिटीज के जोखिम में 9% की कमी आती है.5 लाख लोगों पर अधय्यनअध्ययन में लगभग 508,121 वयस्कों को शामिल किया गया था और उनकी गति और डायबिटीज के विकास के जोखिम के बीच लिंक का विश्लेषण किया गया था. शोधकर्ताओं ने पाया कि जो लोग धीमी गति से चलते थे, उनमें डायबिटीज का खतरा सबसे अधिक था, जबकि तेज गति से चलने वालों में यह जोखिम सबसे कम था.
थोड़ा सा बदलाव डाले महत्वपूर्ण बदलावयह अध्ययन इस बात को रेखांकित करता है कि दैनिक जीवन में सिर्फ थोड़ा सा बदलाव करके हम अपनी सेहत पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकते हैं. तेज रफ्तार से चलने के न सिर्फ डायबिटीज का खतरा कम होता है, बल्कि यह दिल की सेहत को भी बेहतर बनाता है, मांसपेशियों को मजबूत करता है और वजन को कम करने में मदद करता है.
एक्सपर्ट का बयानअध्ययन के प्रमुख लेखक डॉ. स्टीवन बेकर ने कहा कि हमारे रिसर्च से पता चलता है कि तेज गति से चलने से डायबिटीज के खतरे को कम करने में उल्लेखनीय प्रभाव पड़ सकता है. खासकर उन लोगों के लिए जो पहले से ही डायबिटीज के विकास के जोखिम में हैं, तेज रफ्तार से चलना एक सरल और प्रभावी तरीका हो सकता है.



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