Uttar Pradesh

Farrukhabad News: कम जमीन में किसानों की हो गई बल्ले-बल्ले, एक साथ शुरू की 3 फसलों की खेती, अब हो रही है तगड़ी कमाई

फर्रुखाबादः अगर जीवन में आपको कुछ अलग करना है, तो फिर लीक से हटकर अलग काम करना होगा. जिसमे हौसला और जुनून होना चाहिए. उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक किसान ने ऐसा ही किया है. किसान ने परंपरागत और सीजन के विपरीत पपीता के साथ गेंदा और सब्जियों की खेती शुरू कर तगड़ी कमाई कर रहा है.

फर्रुखाबाद के महरूपुर सहजू गांव के निवासी किसान अमित कटियार ने अपने 3 बीघा खेत में पपीता और गेंदा की फसल तैयार की है, जिसमें 25 हजार की लागत आई है. अब 6 महीना में इनके यहां गेंदा की फसल तैयार हुई तो आमदनी बढ़ी. साथ ही उसी खेत में पपीता भी रोप दिया गया. आज आलम यह है कि एक साथ डबल फायदा कमा रहे हैं. अब पपीता की फसल बढ़ने पर किसान ने सब्जी की बुआई कर दी है. इससे एक समय पर 3-3 फसलों से लाभ उठा रहे हैं.

गेंदा फूल से हुई हजारों की आमदनी

बता दें कि स्थानीय स्तर पर गेंदा की बिक्री इतनी अधिक हो रही है कि जिले के खरीददार खेत से फसल को खरीद लेते हैं. अब अन्य जिलों से भी डिमांड आ रही है. गेंदा के फूलों प्रति किलो 60 से 100 रुपए किलो तक के दाम मिल रहे हैं, जिससे इस समय पपीता और गेंदा की फसल से एक महीने में ही 60000 हजार रुपए की बंपर आमदनी भी हो गई. किसान का कहना है की जरूरी नहीं कि अधिक भूमि ही हो, जितनी भी हो उसी में अच्छा मुनाफा कमाया जा सकता है.

जानें डबल फसल तैयार करने का तरीक

किसान अमित कटियार ने बताया की उनको एक साथ कई फसलों को तैयार करने का तरीका हॉर्टिकल्चर के जानकार डॉ संजय कुमार ने बताया था. तब से लगातार दो सालों से 3 बीघा भूमि पर गेंदा के साथ पपीता और अब सब्जियां उगा कर कमाई कर रहे हैं. खेत में प्रति पौधा 2 मीटर की दूरी पर रोप देते हैं. जब पौधा बड़ा हो जाता है. तब बीच की भूमि पर गेंदा और सब्जियों की बुआई कर देते हैं. इस समय पपीते के साथ सब्जियोंं की खेती की है. इसके साथ ही खेतों में इस फसल को रोप दिया गया है.

फूलों की खेती, मुनाफे का सौदा

लोकल 18 से बात करते हुए किसन अमित कटियार ने बताया कि वह अपने खेत में गेंदे के फूलों की खेती जब से शुरू की है. तब से एक महीनों में 60 हजार रुपए की कमाई हो गई है. 3 बीघा ज़मीन में सिर्फ गेंदा की फसल से एक लाख रुपए की कमाई हुई. सबसे बड़ा फायदा ये है की इसमें रोग भी कम लगता है और उनके खेतों में उर्वरक शक्ति भी बढ़ती है. साथ ही जमीन भी उपजाऊ बनी रहती है. तैयार होने पर फसल को बाजार ले जाने की भी कोई चिंता नहीं है. खेत में ही खरीदार आकर पपीता और गेंदा के फूल ले जाते हैं.
Tags: Agriculture, Farrukhabad news, Local18FIRST PUBLISHED : October 27, 2024, 12:08 IST

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